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काशी में गंदगी की पराकाष्ठा पार, एनजीटी ने नगर निगम टीम को कठघरे में खड़ा किया

अध्यात्म की नगरी काशी में गंदगी की पराकाष्ठा पार हो गई है, कोई ऐसा स्थान नहीं है जहां यह कहा जाए की गंदगी नहीं है। सड़कों और गलियों में कूड़े का अंबार है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 10:27 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 07:45 AM (IST)
काशी में गंदगी की पराकाष्ठा पार, एनजीटी ने नगर निगम टीम को कठघरे में खड़ा किया
काशी में गंदगी की पराकाष्ठा पार, एनजीटी ने नगर निगम टीम को कठघरे में खड़ा किया

वाराणसी [जेपी पांडेय]। अध्यात्म की नगरी काशी में गंदगी की पराकाष्ठा पार हो गई है। कोई ऐसा स्थान नहीं है जहां यह कहा जाए की गंदगी नहीं है। सड़कों और गलियों में कूड़े का अंबार है। कंटेनर में भरे कूड़े को देखकर नहीं लगता है कि शहर से कूड़ा उठता है, यदि उठता है तो ऐसी स्थिति क्यों है। यहां कैसे पर्यटक घूमते हैं, विदेशी पर्यटक गंदगी देखकर क्या सोचते होंगे। काशी से पर्यटक क्या संदेश लेकर जाते होंगे। नगर निगम के अफसर काशी और प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र की छवि धूमिल कर रहे हैं। यह कहना है कि ठोस अपशिष्ट सालिड वेस्ट प्रबंधन और पूर्वी उत्तर प्रदेश नदियों एवं जलाशयों की प्रबंधन समिति की अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष डीपी सिंह का। वह सोमवार को सर्किट हाउस में दैनिक जागरण से विशेष बातचीत कर रहे थे। 

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उन्होंने अस्सी नदी को नाले के रूप में तब्दील होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हर साल नाले की सफाई होने के बाद भी चारों तरफ गंदगी है, लोग अपने कूड़े को बाहर नहीं फेंककर नाले में डालते हैं, फिर भी नगर निगम के अफसर और कर्मचारी रोकते नहीं है। नगर निगम के असफरों की लापरवाही के चलते नाले में गंदगी है। नगर आयुक्त डा. नितिन बंसल से नाले की सफाई में खर्च किए गए बजट और कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है। नाले की सफाई के जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि शहर में लोग खुलेआम प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिला प्रशासन और नगर निगम प्लास्टिक इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में पूरी तरह विफल है। 

अस्पतालों की हालत चिंताजनक : पूर्वी उत्तर प्रदेश नदियों एवं जलाशयों की प्रबंधन समिति की अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष डीपी सिंह ने कहा कि अस्पतालों में सफाई व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। बीएचयू के ट्रामा सेंटर, मंडलीय और हेरिटेज अस्पताल में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के निस्तारण संतोषजनक नहीं है, प्रमुख अस्पतालों में यह हाल है तो अन्य स्थानों पर क्या होगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि स्थिति बेहद ही चिंताजनक है। मंडलीय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड, ब्लड बैंक और कूड़ा डंपिंग क्षेत्र को देखा। सरकार योजनाएं तो ला रही है लेकिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। 

ऐसे तो नहीं स्वच्छ होगी गंगा: यूपी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी के सचिव राजेंद्र सिंह ने बताया कि गंगा नदी की सफाई व्यवस्था काफी दयनीय है। सरकार प्रबंधन गंगा नदी की सफाई करने में पूरी तरह विफल दिखाई दे रही है, फिर भी दावा करती है कि गंगा को स्वच्छ करने को लेकर ठोस कदम उठाए गए हैं और काफी हद तक सफल है। गंगा को स्वच्छ करने के लिए जिला प्रशासन समेत संबंधित विभाग ने क्या कार्रवाई की। उसकी रिपोर्ट मांगी है। टीम निरीक्षण कर भारत सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। 


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