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Ganga Mahotsava: टूट जाएगी सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परंपरा, 12 वर्षों से लगातार हो रहा है आयोजन

गंगा महोत्सव के तहत आयोजित होने वाली माध्यमिक विद्यालयों की सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परंपरा इस वर्ष टूटनी तय है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेेकर अब तक कोई रूपरेखा नहीं तय की जा सकी है। बहरहाल प्रतियोगिता को लेकर अब संशय की स्थिति बनी हुई है।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 10:11 AM (IST)
Ganga Mahotsava: टूट जाएगी सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परंपरा, 12 वर्षों से लगातार हो रहा है आयोजन
माध्यमिक विद्यालयों की सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परंपरा इस वर्ष टूटनी तय है।

वाराणसी, जेएनएन। गंगा महोत्सव के तहत आयोजित होने वाली माध्यमिक विद्यालयों की सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परंपरा इस वर्ष टूटनी तय है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लेेकर अब तक कोई रूपरेखा नहीं तय की जा सकी है। दूसरी ओर स्कूली बच्चे प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए प्रधानाचार्यों को फोन कर रहे हैं। वहीं प्रधानाचार्य बच्चों को कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं। बहरहाल प्रतियोगिता को लेकर अब संशय की स्थिति बनी हुई है।

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बाल कलाकारों को प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए गंगा महोत्सव के तहत माध्यमिक विद्यालयों की सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं वर्ष 2008 से शुरू हुई है। इसके तहत चार दिनों तक विविध सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं कराई जाती है। बाद में इस महोत्सव को तीन दिवसीय कर दिया गया। इस दौरान जनपद के 30-35 विद्यालयों के करीब 150 से अधिक छात्र-छात्राएं विविध प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते थे। वहीं विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को गंगा महोत्सव का विशाल मंच उपलब्ध कराया जाता है। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं को कराने के लिए सीएम ऐंग्लो बंगाली इंटर कालेज नोडल विद्यालय बनाया जाता था। वहीं इस बार कोविड के प्रकोप को देखते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जिला प्रशासन की ओर से अब तक हरी झंडी नहीं मिल सकी है। सीएम ऐंग्लो बंगाली इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा. विश्वनाथ दुबे ने बताया कि सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं को आयोजित करने के लिए करीब 15 दिन पहले पर्यटन अधिकारी से बातचीत भी की गई थी। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष एक दिवसीय प्रतियोगिता कराने की अनुमति मांगी गई थी ताकि पिछले 12 वर्षों से चली आ रहीं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं की परंपरा न टूट सके। उन्होंने इस संबंध मंडलायुक्त से बात करने का आश्वासन दिया था। बावजूद पर्यटन अधिकारी की ओर से अब तक कोई सूचना नहीं दी गई है। उधर विभिन्न विद्यालयों के बच्चे भी फोन कर प्रतियोगिता के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब भी देर नहीं हुई है। प्रतियोगिताओं को लेकर विद्यालयों के विद्यार्थियों की तैयारी पूरी है। बस इंजतार जिला प्रशासन की हरी झंडी मिलने का है।


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