स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की जयंती पर चिंतन, स्वामी सानंद के विचारों से स्वच्छ होंगी गंगा
गंगा महासभा के रथयात्रा स्थित दफ्तर में शनिवार को संगठन के मार्गदर्शक स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की जयंती मनाई गई।
वाराणसी, जेएनएन। गंगा महासभा के रथयात्रा स्थित दफ्तर में शनिवार को संगठन के मार्गदर्शक स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) की जयंती मनाई गई। इसमें गंगा सेवियों ने स्वामी सानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती के सानिध्य में स्वामी सानंद के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। स्वामी जीतेंद्रानंद ने कहा कि जीडी अग्रवाल ने गंगा को प्रदूषण और अतिक्रमण से बचाने के लिए एक-दो नहीं बल्कि 2008 से 2012 के बीच कई आमरण अनशन किए।
मागें नहीं माने जाने पर उन्होंने जान देने तक की धमकी दी। गंगा की अविरलता-निर्मलता को लेकर निरंतर गंगा महासभा का मार्गदर्शन करते रहे। राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) गोविंद शर्मा ने कहा कि स्वामी सानंद की माग थी कि गंगा और इसकी सह-नदियों के आसपास बन रहे हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का निर्माण बंद किया जाए और गंगा संरक्षण प्रबंधन अधिनियम लागू किया जाए। उन्होंने कहा था कि इस मसौदे को पारित करने से गंगा की ज्यादातर समस्याएं लंबे समय के लिए खत्म हो जाएंगी।
मौजूदा सरकार अपने बहुमत का इस्तेमाल कर इसे पास करा सकती है। राष्ट्रीय मंत्री विनय तिवारी ने कहा कि अनशन के दौरान प्रो. जीडी अग्रवाल ने कहा था कि हमने प्रधानमंत्री कार्यालय और जल संसाधन मंत्रालय को कई सारे पत्र लिखे थे, लेकिन किसी ने भी जवाब देने तक की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं पिछले 109 दिनों से अनशन पर हूं और अब निर्णय लिया है कि इस तपस्या को और आगे ले जाऊंगा और अपने जीवन को गंगा नदी के लिए बलिदान कर दूंगा। मेरी मौत के साथ मेरे अनशन का अंत होगा। मयंक कुमार, अभिषेक मिश्र, राजेश राय 'नन्हे', अजय उपाध्याय, धर्मचंद्र पोद्दार, विकास मिश्र, विकास सिंह, मनोज तिवारी सहित आदि थे।