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बलिया में गंगा व सरयू नदी बढ़ाव पर, बाढ़ चौकियां स्थापित कर प्रभावित इलाकों पर रख रहे नजर

बलिया में गंगा और सरयू दोनों नदियों में बढ़ाव जारी है। तटवर्ती गांवों में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। इसको लेकर प्रशासनिक अमला भी सचेत हो चला है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 03:09 PM (IST)
बलिया में गंगा व सरयू नदी बढ़ाव पर, बाढ़ चौकियां स्थापित कर प्रभावित इलाकों पर रख रहे नजर
बलिया में गंगा व सरयू नदी बढ़ाव पर, बाढ़ चौकियां स्थापित कर प्रभावित इलाकों पर रख रहे नजर

बलिया, जेएनएन। गंगा और सरयू दोनों नदियों में बढ़ाव जारी है। तटवर्ती गांवों में बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। इसको लेकर प्रशासनिक अमला भी सचेत हो चला है। बाढ़ चौकियां स्थापित कर प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ विभाग की ओर से भी जगह-जगह विभागीय अभियंताओं को निगरानी के लिए लगाया गया है। शहर के आसपास सहित जनपद की आधी आबादी हर साल बाढ़ से प्रभावित होती है।

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अगस्त से तबाही शुरू होती है और सितंबर के अंत तक रहती है। पिछले साल सितंबर माह में ही दुबे छपरा का रिंग बंधा टूटा था। बाढ़ को लेकर प्रभावित इलाके के लोग घरों के लिए जरूरी सामानों की खरीदारी करने लगे हैं। इस साल बाढ़ के अलावा बारिश के चलते भी किसानों के फसलों की बड़ी क्षति हुई हैं। अब बाढ़ से भी किसानों की फसल हर क्षेत्र में बर्बाद होने लगी है।

खतरा निशान से 73 सेंमी ऊपर पहुंची सरयू

सरयू के जलस्तर में जारी बढ़ाव की रफ्तार भी बढऩे लगी है। शुक्रवार को तो 24 घंटे में 22 सेंमी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई। नदी फिलहाल रुक-रुककर प्रति दो घंटे में एक सेंटीमीटर बढ़ रही है। केंद्रीय जल आयोग के अधिकारियों के अनुसार तुर्तीपार डीएसपी हेड पर नदी का जलस्तर शुक्रवार दोपहर तीन बजे 64.740 मी. दर्ज किया गया, जो खतरा निशान 64.01 मीटर से 73 सेंटीमीटर ऊपर है। इधर नदी के जलस्तर में बढ़ाव व घटाव के बाद फिर से बढ़ाव शुरु होते ही कहीं-कहीं कटान तेज हो गया। चैनपुर गुलौरा शिवमंदिर मठिया के पास नदी का कटान होने से तटवर्ती इलाकों समेत विभागीय अमले में हड़कंप मच गया है।

प्रति घंटा एक सेमी बढ़ाव पर गंगा

गंगा के जल स्तर में भी वृद्धि से तटवर्ती लोग भयभीत हो चले हैं। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार शुक्रवार के प्रात: 8 बजे 54.96 मीटर दर्ज किया गया। गंगा एक सेमी प्रति घंटा के बढाव पर है। यहां रामगढ़ में गंगा से सबसे ज्यादा खतरा है। यहां गंगा से एनएच-31 की दूरी काफी कम रह गई है। विभाग के लोग हर जगह सक्रिय हैं लेकिन गंगा के तेवर पर ही सबकुछ निर्भर है। यहां गंगा कब कौन सा रूप अख्तियार कर किस इलाके में तबाही मचाना शुरू कर देती हैं, इसका कोई ठिकाना नहीं हैं। यही कारण है कि नदी में जल स्तर की वृद्धि देख तटवर्ती लोग भयभीत हो ले हैं।

नदियों के जल स्तर को देखते हुए हर जगह तत्परता बढ़ा दी गई

नदियों के जल स्तर को देखते हुए हर जगह तत्परता बढ़ा दी गई है। बैरिया तहसील के बीएसटी बांध के पास सरयू से कटे टी आकार के स्पर की मरम्मत भी तेजी से की जा रही है। अब वहां की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। दुबे छपरा क्षेत्र से लेकर टीएस बंधा पर भी निगरानी बढ़ाई गई है। जहां पर खतरा दिख रहा है, वहां की स्थिति से निपटने के लिए विभाग की ओर से पूरी तैयारी है।

संजय मिश्र, अधिशासी अभियंता, बाढ़ खंड।  


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