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पर्यावरण में हर जगह है फंगस मगर डरने की जरूरत नहीं, आक्सीजन देने के दौरान ह्यूमिडिफायर का पानी हो साफ

हमारे पर्यावरण में हर जगह फंगस व्याप्त है और कभी भी इसके इंफेक्शन से हम दूर नहीं थे मगर अब कोविड के बाद कुछ परिस्थितियां एक साथ ऐसी बन गईं कि यह दुर्लभ रोग लोगों में देखने को मिल रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 08:50 AM (IST)
पर्यावरण में हर जगह है फंगस मगर डरने की जरूरत नहीं, आक्सीजन देने के दौरान ह्यूमिडिफायर का पानी हो साफ
हमारे पर्यावरण में हर जगह फंगस व्याप्त है

वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। ब्लैक फंगस के मामले बढ़ने के बाद लोग अब अपने घरों में आने वाली सब्जियों और फलों के फंगस से भी डर रहे हैं, जबकि कोरोना से पहले हमें ऐसी कोई समस्या नहीं थी। अब जरूरी नहीं कि कोरोना का हर गंभीर मरीज ब्लैक फंगस का शिकार हो ही जाए।

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यह रोग काेविड के पहले भी लोगों को होता रहा है, जिसमें ज्यादातर मरीजों की जान बचा ली जाती थी। इससे अब बेहद घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है। आइएमएस-बीएचयू में ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और चिकित्सक डॉ. विश्वंभर सिंह ने बताया कि हमारे पर्यावरण में हर जगह फंगस व्याप्त है और कभी भी इसके इंफेक्शन से हम दूर नहीं थे, मगर अब कोविड के बाद कुछ परिस्थितियां एक साथ ऐसी बन गईं कि यह दुर्लभ रोग लोगों में देखने को मिल रहा है। राहत की बात है कि कोरोना के मामले थोड़ा कम हो रहे हैं और स्टेरायड के प्रति लोग जागरुक भी हुए। इससे निश्चित तौर पर निकट भविष्य में ब्लैक फंगस के मामले थम सकते हैं।

आक्सीजन देते समय भी हो सकता है फंगल इंफेक्शन

डॉ. सिंह ने बताया कि कई बार कोविड के इलाज में आक्सीजन देते समय अगर ह्यूमिडिफायर का पानी साफ नहीं है, तो संभव है कि फंगस शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। जैसे नाक का काम है आक्सीजन को ठंडा करना, ठीक वैसे ही जब बाहर से आक्सीजन देते है तो ह्यूमिडिफायर से गैस को ठंडा किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के दौरान ऐसा भी देखा जा रहा है कि कुछ लोग अपनी मनमर्जी या झोलाझाप डाक्टर से गैर-जरूरी इंजेक्शन या इलाज करवा रहे हैं, जिससे यह इंफेक्शन तेजी से पांव पसार रहा है। कोरोना के इलाज इंजेक्शन जो लगाए जाने हैं उनकी मात्रा सुनिश्चित की गई है। इससे अधिक का उपयोग खतरनाक हो सकता है।

ब्लैक फंगस के कुछ खास लक्षण

डॉ. विश्वंभर सिंह के अनुसार ब्लैक फंगस के लक्षण हमारे कई रोगों से मिलते जुलते हैं, इसलिए इसकी असली पहचान तो परीक्षण के बाद होती है। मगर फिर भी फंगस जब नाक, आंख या मुंह के रास्ते प्रवेश करते हैं तो हमारे उतकों पर जोरदार हमले होते हैं, जिससे इन अंगों में दर्द महसूस होता है। मगर जरूरी नहीं कि हर दर्द फंगस का ही लक्षण हो। यदि दर्द के साथ मुंह टेढ़ा होने लगे, भारीपन, नाक से खून आए या फिर आधे चेहरे पर दर्द और सूजन हो तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क कर अपनी जांच करवाएं।


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