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IGNOU की कार्यप्रणाली में अब बदलाव की है दरकार, मिले ऑनलाइन यूनिवर्सिटी का स्वरूप

इग्नू के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक डा. अवध नारायण त्रिपाठी का कहना है कि इग्नू को अब पूर्ण डिजिटल यूनिवर्सिटी के रूप में बदल देना चाहिए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 01:44 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 01:44 PM (IST)
IGNOU की कार्यप्रणाली में अब बदलाव की है दरकार, मिले ऑनलाइन यूनिवर्सिटी का स्वरूप
IGNOU की कार्यप्रणाली में अब बदलाव की है दरकार, मिले ऑनलाइन यूनिवर्सिटी का स्वरूप

वाराणसी, जेएनएन। एक वायरस के चलते शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन शुरू हो गए हैं। इस क्रम में इग्नू की कार्यप्रणाली में भी बदलावों की दरकार है। दूरस्थ शिक्षा के बजाय इग्नू को अब पूर्ण डिजिटल यूनिवर्सिटी के रूप में बदल देना चाहिए। ऐसा कहना है इग्नू के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक डा. अवध नारायण त्रिपाठी का। उन्होंने बताया कि बदलते परिवेश के मुताबिक इग्नू की शिक्षा प्रणाली भारत में सबसे कारगर है।

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इग्नू के पास ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए काफी संसाधन हैं। इसमें 57 क्षेत्रीय केंद्रों समेत दर्जनों ज्ञानवाणी केंद्र और अपना ज्ञान दर्शन टीवी चैनल है, यहां पर रोजाना ढेरों कार्यक्रम पाठ्यक्रम से संबंधित टेलीकास्ट होते रहते हैं। एकेडमिक स्तर पर योग्य शिक्षक और कर्मचारी भी हैं। डा. त्रिपाठी के मुताबिक इस महामारी में जब स्कूल, कॉलेज व विवि बंद हैं, तो इग्नू का डिजिटल एजुकेशन उच्च शिक्षा प्रणाली और छात्रों के लिए नए अवसर खोल सकता है।

जरूरत है अब गांवों को डिजिटल रूप से मजबूत करने की, जिससे शिक्षा दूरस्थ तो हो साथ में परीक्षा और अन्य एकेडमिक कार्य घर बैठे निपटा लिए जाएं। सरकार ने 15 शैक्षणिक टीवी चैनल शुरू करने की घोषणा की। लगभग 100 विवि को ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी। यह कदम शिक्षा के मूल चरित्र को ही बदल देगा।


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