फ्राइंग आयल मानीटर बताएगा कितना शुद्ध है खाद्य तेल, जौनपुर में दस से अधिक दुकानदारों को चेतावनी
Frying oil monitor आप जो तले खाद्य पदार्थ खाते हैं अधिकतम तीन बार इस्तेमाल हो चुका तेल-घी स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। इसकी जानकारी के लिए फ्राइंग आयल मानीटर बेहतर जानकारी देकर आपकी जान बचा सकता है।
जौनपुर, जागरण संवाददाता। अधिकतम तीन बार उपयोग हो चुका तेल-घी स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है, लेकिन मुनाफे के लिए दुकानदार इसको फेंकने की बजाय कई बार उपयोग करते हैं। यह अब नहीं चलेगा। आमजन की सेहत का ध्यान रखने के लिए अब फ्राइंग आयल मानीटर से इसकी जांच की जाएगी। जांच के दौरान लाल सिग्नल यह बताएगा कि यह तेल उपयोग करने लायक है या नहीं।
पूर्व में खराब हो चुके घी-तेल का उपयोग बायोडीजल के रूप में किए जाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसकी खरीदारी के लिए कोई एजेंसी न मिल पाने से योजना पूरी नहीं हो सकी। हालांकि अब इस नए प्रयोग से सार्थक परिणाम निकलेंगे। मनाही के बाद भी खराब हो चुके खाद्य तेलों का उपयोग करने वालों को पहली बार चेतावनी देकर छोड़ा जाएगा। इसके बाद भी ऐसा करने पर न सिर्फ कार्रवाई होगी, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
अभी एक मिला फ्राइंग आयल मानीटर : फिलहाल जिले को एक फ्राइंग आयल मानीटर मिला है, जिसकी संख्या जल्द ही बढ़ाने की बात कही जा रही है। अधिकारियों की ओर से नगर के प्रमुख बाजारों व चौराहों पर इससे जांच की जा रही है व खराब खाद्य तेल को मौके पर ही नष्ट कराया जा रहा है। अभी तक दस दुकानदारों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है, जिनका नाम बकायदा दर्ज किया गया है। दोबारा पकड़े जाने पर जुर्माना लगाने के साथ ही मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। गत वर्ष ठेले-खोमचे से लेकर हलवाई की दुकान व छोटे प्रतिष्ठानों में उपयोग हुए काले घी-तेल को सरकार की ओर से खरीदे जाने की तैयारी की गई थी। इसे इकट्ठा कर बायो डीजल बनाए जाने की तैयारी थी, लेकिन इसके लिए कोई एजेंसी न मिल सकने से योजना परवान नहीं चढ़ सकी।
बोले अधिकारी : तीन बार तक उपयोग हो चुके खाद्य तेल का उपयोग नहीं किया जाना है। इसके लिए दुकानदारों को जागरूक भी किया जा रहा है। जांच भी की जा रही है। पहली बार कइयों को चेतावनी देकर छोड़ा गया है। दूसरी बार पकड़ने जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। -अनिल कुमार राय, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी।