वाराणसी के लिए पोत मंत्रालय की मंजूरी, स्मार्ट सिटी कंपनी की तरह संचालित होगा फ्रेट विलेज
जिस प्रकार शहरी मूलभूत सुविधाओं व ढांचागत निर्माण को स्मार्ट बनाने के लिए वाराणसी स्मार्ट सिटी कंपनी का गठन किया गया वैसे ही फ्रेट विलेज के लिए भी एक कंपनी बनाई जाएगी।
वाराणसी [संजय यादव]। जिस प्रकार शहरी मूलभूत सुविधाओं व ढांचागत निर्माण को स्मार्ट बनाने के लिए वाराणसी स्मार्ट सिटी कंपनी का गठन किया गया, वैसे ही फ्रेट विलेज के लिए भी एक कंपनी बनाई जाएगी। इसके लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) का गठन होगा, जो एक कंपनी होगी। इसमें इनलैंड वॉटर वेज अथॉरिटी (आइडब्ल्यूएआइ) के अलावा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन और यूपी सरकार की हिस्सेदारी होगी। यही एसपीवी प्रोजेक्ट का काम देखेगा। एसपीवी के संगठनात्मक ढांचे को पोत मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा में जल परिवहन के तहत प्रस्तावित फ्रेट विलेज को विश्व बैंक की सहमति के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने भी सहमति दी है। इनलैंड वाटर हाइवे-वन (बनारस से हल्दिया) के प्रमुख सेंटर वाराणसी में देश का पहला फ्रेट विलेज 3000 करोड़ की लागत से 100 एकड़ एरिया में विकसित किया जा रहा है। रामनगर के राल्हूपुर में बने मल्टी मॉडल टर्मिनल (बनारस टर्मिनल) को केंद्र में रख कर इसे बनाया जा रहा है। यह वाटर हाइवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और रोड हाइवे के मेन जंक्शन की तरह काम करेगा।
सर्किल रेट को लेकर फंसा है पेच
बनारस टर्मिनल चालू होने के बाद अब फ्रेट विलेज प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने के लिए आइडब्ल्यूएआइ कवायद कर रहा है। इस क्रम में डिप्टी डायरेक्टर अरविंद कुमार ने फ्रेट विलेज के लिए 100 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने को वाराणसी, चंदौली व मीरजापुर के जिलाधिकारियों से मुलाकात की है। तीनों अधिकारियों ने जल्द जमीन उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त किया है। बनारस के करीब 15 से अधिक किसानों ने जमीन दे दी है। वहीं चंदौली व मीरजापुर के किसान सर्किल रेट को लेकर नाराज हैं। वजह बनारस की जमीन के सापेक्ष चंदौली व मीरजापुर में सर्किल रेट कम होना है। इन जिलों के किसानों की मांग है कि उनकी जमीनका मूल्यांकन बनारस के सर्किल रेट से किया जाए।
जनसंख्या नियोजन का बड़ा आधार
प्रस्तावित फ्रेट विलेज में वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, पैकेजिंग, रैपिंग, कार्गो स्टोरेज, रोड ट्रांसपोर्ट सर्विस के अलावा शहरी जीवन की बुनियादी सुविधाएं होंगी। इसके बनने से बड़े कारोबारियों के अलावा पूर्वांचल के कारोबारी माल स्टोर कर देश के दूसरे हिस्से में भेज और मंगा सकेंगे। फ्रेट विलेज के आकार लेने पर गंगा पार नया शहर जनसंख्या नियोजन का बड़ा साधन होगा। हजारों को रोजगार मिलेगा।
फ्रेट विलेज में हुए कार्य
-प्रशासनिक भवन
-बिजलीघर
-एनएच-7 से बंदरगाह के रास्ते नाले पर पुल
-बंदरगाह का 90 फीसद प्लेटफार्म