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जालसाज पांच हजार में Pass कराने का दे रहे झांसा, UP Board Office का कर्मचारी बन कर रहे फोन

बोर्ड आफिस के कर्मचारी बनकर अभिभावकों को फोन कर रहे हैं कि आपका बच्चा कंपार्टमेंट परीक्षा में भी फेल हो रहा है। उसे महज 15 अंक मिले हैं। एक साल बचाना है तो 5000 रुपये लगेगा और पास हो जाएगा। 50 फीसद से अधिक अंक चाहिए तो दस हजार लगेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 08:20 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 01:49 PM (IST)
जालसाज पांच हजार में Pass कराने का दे रहे झांसा, UP Board Office का कर्मचारी बन कर रहे फोन
बोर्ड आफिस कर्मचारी बनकर अभिभावकों को फोन कर रहे हैं कि आपका बच्चा कंपार्टमेंट में भी फेल हो रहा है।

वाराणसी [अजय कृष्ण श्रीवास्तव]। जालसाज यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कंपार्टमेंट परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने के नाम पर अभिभावकों को झांसा देने की फिराक में जुटे हैं। वे बोर्ड आफिस के कर्मचारी बनकर अभिभावकों को फोन कर रहे हैं कि आपका बच्चा कंपार्टमेंट परीक्षा में भी फेल हो रहा है। उसे महज 15 अंक मिले हैं। यदि एक साल बचाना है तो 5000 रुपये लगेगा और पास हो जाएगा। वहीं 50 फीसद से अधिक अंक चाहिए तो दस हजार लगेगा।

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हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की कंपार्टमेंट व इंप्रूवमेंट की परीक्षा तीन अक्टूबर को हुई थी। मूल्यांकन के लिए परीक्षा केंद्रों से दो दिन पहले लिखित उत्तर पुस्तिकाएं बोर्ड मुख्यालय भेजी गईं। बोर्ड मूल्यांकन की तैयारी में जुटा है। इस बीच कंपार्टमेंट व इंप्रूवमेंट परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों का पूरा विवरण जालसाजों तक पहुंच गया है। यही नहीं आवेदन में अभिभावकों का मोबाइल नंबर भी जालसाजों के पास उपलब्ध है। परीक्षा समाप्त होते ही अभिभावकों के पास फोन आने शुरू हो गए हैं। अभिभावकों का कहना है कि फोन करने वाला अपने आप को बोर्ड का कर्मचारी बता रहा था। साथ ही बच्चे ने किस विषय में कंपार्टमेंट की परीक्षा दी है। परीक्षार्थी का नाम, विषय अन्य विवरण बता पहले विश्वास में लेने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद कंपार्टमेंट परीक्षा में फेल होने का हवाला देते हुए पांच से दस हजार रुपये की मांग कर रहा है। टकटकटपुर  निवासी दीपक कुमार ने बताया कि गुरुवार को दोपहर में करीब दो बजे फोन आया था। पुत्री के फेल होने का हवाला देते हुए खाते में पांच हजार रुपये जमा करने पर पास कराने की गारंटी ले रहा था। वहीं प्रयागराज नकद पैसा भेजवाने के नाम पर फोन काट दिया। अब उसका मोबाइल नंबर नहीं लग रहा है। यह तो एक बानगी है। जालसाज ऐसे तमाम अभिभावकों को अपना निशाना बना रहे हैं।

जालसाजों की पैठ बोर्ड तक

परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षाफार्म में भरे गए विवरण जालसाजों तक कैसे पहुंच रहा है। इसे लेकर बोर्ड की भूमिका पर सवाल उठना स्वभाविक हैं। अभिभावकों का कहना है कि जालसाजों की पैठ बोर्ड में भी रहती है।

उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में हेराफेरी संभव नहीं

उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में हेराफेरी संभव नहीं है। ऐसे में जालसाजों से सावधान रहने की जरूरत है। फिलहाल इस साल अब तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि दो साल पहले भी इस तरह का प्रकरण बोर्ड के संज्ञान में आया था। इसे देखते हुए बोर्ड ने अभिभावकों को जागरूक करने के लिए निर्देश भी जारी किया था।

- डा. वीपी सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक


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