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वाराणसी में सील किए गए चार हॉट स्पॉट इलाकों में ठहर गई जिंदगी, गूंज रहे हूटर-लाउड स्पीकर

वाराणसी के चार हॉट स्पॉट मदनपुरा बजरडीहा लोहता व गंगापुर नगर पंचायत के लोगों को कोरोना वायरस ने डरा दिया है। लोग घरों में दुबक गए हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 10:35 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 11:45 PM (IST)
वाराणसी में सील किए गए चार हॉट स्पॉट इलाकों में ठहर गई जिंदगी, गूंज रहे हूटर-लाउड स्पीकर
वाराणसी में सील किए गए चार हॉट स्पॉट इलाकों में ठहर गई जिंदगी, गूंज रहे हूटर-लाउड स्पीकर

वाराणसी, जेएनएन। जिले के चार हॉट स्पॉट मदनपुरा, बजरडीहा, लोहता व गंगापुर नगर पंचायत के लोगों को कोरोना वायरस ने डरा दिया है। लोग घरों में दुबक गए हैं। हर हाथ इबादत को उठ रहा है। मुंह से बस अल्लाह रहम कर की दुहाई लगी है। यूं समझें कि जिंदगी पूरी तरह ठहर गई है लेकिन जज्बा बनाए रखने के लिए लोगों ने अपना काम नहीं छोड़ा है। यही वजह है कि इन इलाकों में करघे की खटर-पटर की आवाज बंद नहीं हुई है। इसके बीच जिला व पुलिस प्रशासन की गाडिय़ों के बचते हूटर व लाउड स्पीकर सन्नाटे चीरते हुए लोगों की कानों तक पहुंच रहे हैं। मुस्लिम इलाके के लोगों ने रोजा रखा तो इंसानियत को बचाने की दुआ की। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चारों इलाकों में तीन सौ से अधिक लोगों की थर्मल स्कैनिंग की। दूध व अन्य खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे लोग भी सावधानी बरत रहे हैं। घर वाले दरवाजे पर ही दूध का डिब्बा व राशन की टोकरी रख दे रहे हैं जिसमें दूर से ही खाद्य सामग्री दी जा रही है।

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मदनपुरा में खुली दवा की दुकानों से चिंता कम

मदनपुर के सील होने से यहां के रहनवारों को ज्यादा परेशानी नहीं है। वे घरों में बुनकारी से जुड़े काम कर रहे हैं। इलाके में दवा की दुकानें खुली होने के कारण उनकी चिंताएं कम हैं क्योंकि पहले ही उन्होंने घरों में खाने-पीने की जरूरी सामग्री एकत्र कर ली है। वहीं, रोजा रखकर कोरोना से इंसानियत को बचाने की दुआ की जा रही है। इलाके  के मौलाना कलाम नूरी कहते हैं कि सरकारी इंतजाम बेहतर हैं लेकिन यहां के लोगों ने अपनी जरूरतों को भी कम किया है। कोरोना से जंग छिड़ी है जिसमें इंसानियत की जीत होगी। एसएम खुर्शीद ने कहा कि दवा की दुकानें खुली रहने से कोई तनाव नहीं है। हम सरकार के साथ हैं। कोरोना को हरा कर रहेंगे।

बजरडीहा में हम परेशान हैं लेकिन हारे नहीं

बजरडीहा इलाका आर्थिक रूप से कमजोर है। यहां रोज कुआं खोदकर पानी पीने वालों की संख्या अधिक है। इलाका सील होने से परेशानियां बढ़ी हैं। राहत सामग्री भी पहुंचने में देर हो रही है लेकिन लोग हारे नहीं हैं। कोरोना से जो जंग छिड़ी है उससे दो-दो हाथ करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। इलाके के मोहम्मद स्वाले अंसारी का कहना है कि ज्यादातर लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं। उनके सामने दो वक्त रोटी का संकट जरूर है लेकिन रोजा रखकर इबादत करते इन परेशानियों को काट रहे हैं। सेंट्रल हज कमेटी के मेंबर डा. इफ्तिखार अहमद जावेद का कहना है कि बजरडीहा इलाके में प्रशासन को ज्यादा मेहनत करनी होती ताकि कोई भूखा न रहे। इस इलाके में बुनकारी व मजदूरी कर लोग परिवार का पेट भरते हैं जिनके समक्ष विकट स्थिति हो गई है।

गंगापुर में भूख की तड़प पर सख्ती की पाबंद

नगर पंचायत गंगापुर में लोगों ने घरों के दरवाजे व खिड़कियां बंद कर ली है। कोरोना का भय ऐसा कि एक-दूसरे से मिलना पहले से ही बंद हो गया था। गंगापुर नगर अध्यक्ष दिलीप सेठ ने बताया कि इसके में दिहाड़ी मजदूर भूख से तड़प रहे हैं। सरकारी मदद पर्याप्त नहीं है। फोन करने पर बस एक ही आवाज आती है कि खाद्य सामग्री जा रही लेकिन राशन, दवा, सब्जी, दूध जैसी आवश्यक सामग्री के लिए लोग मोहताज हो गए हैं। मालवीय नगर वार्ड के सभासद रवींद्र पाल कहते हैं कि बंदी के कारण रोजमर्रा की जरुरी सामान नहीं मिल रहा है। बच्चे दूध के लिए रो रहे हैं। सील होने से पहले आपस में लेनदेन कर भूख मिटा लेते थे, अब तो यह भी संभव नहीं हो रहा है। अनूप अग्रहरि ने बताया कि सरकारी नंबर जरूर मिले हैं लेकिन फोन करने पर समय से किसी को राशन व अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध नहीं हो रही हैं।

लोहता में सरकारी मदद ही बनी है लोगों का सहारा

लोहता क्षेत्र में गुरुवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल व आईजी विजय सिंह मीना ने निरीक्षण किया। थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि किसी प्रकार की दिक्कत लोगों को न हो। खाने पीने के सामान की सप्लाई आसानी से होती रहे। अलावल मोहल्ले में एक कोरोना मरीज मिलने के इस एरिया को सील किया गया है। बाजार में दवा, राशन, सब्जी की दुकानें बंद हैं। इलाहाबाद बैंक, बैंक आफ बडौदा, भारतीय स्टेट बैंक की शाखा के अलावा सभी एटीएम भी बंद हैं। थानाध्यक्ष राकेश सिंह का दावा है कि प्रत्येक के पास जरूरी सामग्री पहुंच रही है लेकिन मोहम्मद मुस्लिम अंसारी कहते हैं कि उनके घर में 57 लोग हैं। भूख से तड़प रहे हैं। राहत सामग्री ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। मोहम्मद असलम भी राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी नवीन सिंह स्वास्थ्य टीम के साथ इलाके के लोगों की थर्मल स्कैनिंग की।


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