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#हादसा : ठेले में उतरा करेंट, एक ही परिवार के चार सदस्य झुलसे, एक की मौत

बलिया जिले में करेंट की चपेट में आए एक ही परिवार के चार सदस्यों में से मृत दिलीप की जान बचाई जा सकती थी पर ऐसा हो न सका।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 03:49 PM (IST)
#हादसा : ठेले में उतरा करेंट, एक ही परिवार के चार सदस्य झुलसे, एक की मौत
#हादसा : ठेले में उतरा करेंट, एक ही परिवार के चार सदस्य झुलसे, एक की मौत

बलिया, जेएनएन। जिला अस्पताल गेट के सामने मंगलवार को ठेले में करेंट उतरने से एक ही परिवार के चार लोग गंभीर रुप से झुलस गए। आसपास के लोगों ने सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने एक सदस्य को मृत घोषित कर दिया। इससे परिवार में कोहराम मच गया। 

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सदर हास्पिटल गेट के सामने दिलीप की चाय की दुकान है। दस बजे के आसपास छोटे भाई अजय की पत्नी मंजू (32वर्ष) दुकान के पास स्थित हैण्डपम्प से पानी भरने जा रही थी। वहीं दुकान के पास ही अजय का ठेला खड़ा था जिसमें करेंट प्रवाहित हो रहा था। इस बात से बेखबर मंजू जैसे ही ठेले के पास पहुंची करेंट की चपेट में आ गई। यह देख दुकान पर बैठे दिलीप (45) ने मंजू को छुड़ाने का प्रयास किया और वह भी करेंट की जद में आ गया। भाई और पत्नी को तड़पता देख अजय (35) व संजय (28) भी मौके पर दौड़कर पहुंच गए और माजरा समझे बगैर ही दोनों को हटाने का प्रयास करने लगे। इससे ये दाेनों भी करेंट की चपेट में आ गए। यह देख आसपास के लोगों ने काफी मशक्कत से इन चारों को अलग किया। सभी घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने दिलीप को मृत घोषित कर दिया वहीं अन्य सदस्यों का उपचार चल रहा है। घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। 

घरेलू इलाज के चक्कर में चली गई जान : करेंट की चपेट में आए एक ही परिवार के चार सदस्यों में से मृत दिलीप की जान बचाई जा सकती थी, पर ऐसा हो न सका। घटना के बाद परिजन घायलों का उपचार अपने ही करते रहे। चूल्हे की राखी व अन्य घरेलू इलाज में करीब आधे घंटे से अधिक का समय बर्बाद कर दिया। आसपास के लोगों की सलाह पर घायलों को चंद कदम पर जिला अस्पताल में मौजूद डाक्टरों को दिखाया गया, तब तक काफी देर हो चुकी थी और दिलीप के प्राण पखेरु उड़ चुके थे। चिकित्सकों ने बताया कि समय रहते अस्पताल पहुंच गए होते तो दिलीप की जान बचाई जा सकती थी।


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