वाराणसी में मंडलीय भवन का अगस्त में होगा शिलान्यास, कमिश्नर ने की गई तैयारियों के बारे में बताया
बनारस कमिश्नरी परिसर में प्रस्तावित 17 मंजिली इमारत के निर्माण के लिए अगस्त माह में शिलान्यास किया जाएगा। परिसर में बनने वाले 17 व 15 मंजिली भवन में से एक में मंडलीय कार्यालय होगा दूसरा निजी संस्थानों को दिया जाएगा
वाराणसी, जेएनएन। कमिश्नरी परिसर में प्रस्तावित 17 मंजिली इमारत के निर्माण के लिए अगस्त माह में शिलान्यास किया जाएगा। परिसर में बनने वाले 17 व 15 मंजिली भवन में से एक में मंडलीय कार्यालय होगा दूसरा निजी संस्थानों को दिया जाएगा जिससे आने वाला खर्च निकल सके। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वीडियोकांफ्रेसिंग के जरिए जानकारी दी। मुख्यमंत्री वाराणसी व गोरखपुर में प्रस्तावित मंडलीय भवन की डिजाइन की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने कहा कि कार्यालय परिसर में आम लोगों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाए। फरियादियों को कार्यालय में आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को कमिश्नरी परिसर में प्रस्तावि दोनों भवनों के बारे में अलग-अलग बताया। दोनों के डिजाइन का प्रजेंटेशन देते हुए सुविधाओं सहित अन्य जानकारी से रूबरू कराया। सीएम ने डिजाइन पर मुहर लगाते हुए आगे की प्रक्रिया को तेजी से पूरी करने का निर्देश दिया है। मंडलायुक्त ने बताया कि निर्माण से पहले निर्माणस्थल पर स्वायल टेस्टिंग के लिए बीएचयू आइआइटी की मदद ली जा रही है। कंसल्टेंट कंपनी के चयन के लिए आरएफपी जारी कर दिया गया है। चयनित डिजाइन को राज्यस्तरीय समिति को भेजा जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते कार्य प्रभावित हो गया था। सारी व्यवस्थाएं अब पटरी पर आ रही हैं। विकास प्राधिकरण ने पहले 171 करोड़ रुपये लगात आने आंकलन किया था। अब फिर डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी जिससे बाद में कोई दिक्कत नहीं आए। मुख्यमंत्री ने बहुमंजिली भवन पर सहमति जताते हुए तेजी से काम करने का निर्देश दिया।
दो मंजिला सिर्फ पार्किंग, खड़े होंगे 250 चार पहिया वाहन
दाे बहुमंजिली भवन में दो-दो मंजिला वाहन पार्किंग होगा। एक भवन में 250 कार और 500 दो पहिया वाहन आसानी से पार्किंग हो सकेंगे।
अफसरों के दूर बैठने में होती है परेशानी
बनारस में ज्यादातर मंडलीय कार्यालय दूर-दूर है। कोई भी काम होने या बैठक में शामिल होने के लिए अधिकारियों को आने में समय लगता है। साथ ही फरियादियों को भी परेशानी होती है। इसको देखते हुए कमिश्नरी परिसर में मंडलीय कार्यालय बनाने का निर्णय लिया गया है।