BHU स्थापना दिवस के अवसर पर शोभायात्रा में बही विविधता और राष्ट्रीय एकता की बयार
बीएचयू की स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों ने वसंत महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू की स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों ने वसंत महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया। सुबह की सरस्वती पूजा से लेकर शाम के कवि सम्मेलन तक विवि में कला, संस्कृति, विज्ञान एवं तकनीक, राष्ट्रीय एकता, विविधता के संगम की बयार बहती रही। छात्र लाल-पीले साफा, पगड़ियों व रंग-बिरंगे परिधानों में बेहद मगन नजर आए। वहीं झांकियों की शोभायात्रा के दर्शन को मालवीय भवन द्वार के दोनों तरफ मंच बनाया गया था। इस अवसर पर कुलपति प्रो. भटनागर, रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, कुलसचिव डा. नीरज त्रिपाठी आदि शोभायात्रा में शामिल होकर सभी शिक्षको व छात्र-छात्राओ का अभिवादन व उत्साहवर्धन कर रहे थे।
स्थापना स्थल पर सरस्वती पूजा वसंत उत्सव के क्रम में सबसे पहले प्रो. राकेश भटनागर द्वारा बीएचयू के स्थापना स्थल पर सरस्वती पूजा का शुभारंभ हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुए हवन में कुलपति भटनागर व वित्त अधिकारी डा. अभय कुमार ठाकुर के साथ समस्त अधिकारी, संस्थानों के प्रमुख, संकायाध्यक्ष व विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे। इसके बाद बरकछा सहित परिसर के सभी छात्रावासों में छात्र व छात्राओं ने विधिवत पूजा-अर्चना की। प्रो. राकेश भटनागर सहित कई अधिकारियों ने महिला महाविद्यालय, फ्लोरेंस नाइटेंगेल छात्रावास, त्रिवेणी छात्रावास, गार्गी, मैत्रेयी, कामकाजी महिला छात्रावास, जेसी बोस, कुंदन देवी छात्रावास, सरोजिनी नायडू, रानी लक्ष्मीबाई, नवीन छात्रावास, न्यू इंटरनेशनल गर्ल्स हॉस्टल तथा डॉक्टर्स छात्रावास में जाकर पूजन-अर्चन किया। झांकियों में दिखा विहंगम दृश्य पूजा-अर्चना के बाद परिसर में झांकियों का एक विहंगम कतार अपने साथ कला संस्कृति का प्रसार करते हुए देखने को मिला। कुल 29 झांकियां कैंपस को शनै:-शनै: अपने रंग में रंगने लगीं। सुबह 10 बजे कुलपति ने मालवीय भवन से हरी झंडी दिखाकर शोभायात्रा को रवाना किया।
'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' इस बार सरस्वती पूजा में शोभायात्रा की थीम 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' रखी गई थी। झांकी में सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा से सामाजिक विज्ञान संकाय के छात्रों ने राष्ट्रीय एकता का परचम लहराया। एनएसएस के विद्यार्थियों ने हिंदू-मुस्लिम एकता व भारत के राज्यों की विविधता को बकायदा नुक्कड़ नाटक करके बताया। शोभायात्रा में सर्वधर्म समभाव, चिकित्सीय पद्धतियों, पर्यावरण संरक्षण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, वैदिक विज्ञान, भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्धति व ज्ञान परम्परा, किसानों की भूमिका आदि मुद्दों लोगों को काफी आकर्षित कराया गया। अंधविश्वास व ब्रेकिंग न्यूज पर किया व्यंग्य विज्ञान संस्थान के छात्रों ने अपनी झांकी में अंधविश्वास पर चोट किया। एक पाखंडी पुरूष टोना करके एक बच्चे का इलाज कर रहा है फिर भी बच्चे की मृत्यु हो जाती है। वहीं टीवी मीडिया इसे बढ़ा चढ़कर पेश कर रही है। लेकिन अंतत: मरीज डाक्टर के पास जाकर ही स्वस्थ्य होता है।
वहीं जादू दिखाने वालों के पास कोई करने विशिश्ट कला नहीं होती बल्कि इसके पीछे विज्ञान ही होता है यह भी छात्रों ने बकायदा प्रयोग करके बताया। खेल, योग व करतब का प्रदर्शन शारीरिक खेल विज्ञान के छात्रों व बच्चों ने झांकी में अपने खेल की तकनीक व कर्तब का प्रदर्शन किया। कई छात्र व छात्राओं ने कुलपति के समक्ष स्टंट, लाठी कला व कई लाजवाब शारीरिक कौशल को लाइव करके दिखाया। विभाग की एक छात्रा ने चार-चार लड़कों से लड़ते हुए सेल्फ डिफेंस की बात की। एसवीडीवी के छात्र-छात्राओं ने फिट रहने के लिए कई प्रकार का योग करके दिखाया।
रोबोट व ड्रोन से तकनीक का संचार आइआइटी की झांकी में उड़ते हुए ड्रोन, स्वचालित व्हील चेयर, इलेक्ट्रिक कार व रोबोट शामिल रहे। झांकी में दिखाया गया कि एस्ट्रोनॉट पानी में व गोताखोर आकाश में विचरण कर रहे हैं। आइआइटी के छात्र अधिष्ठाता ने इसका मतलब समझाते हुए कहा कि जिस चीज का जहां सही उपयोग हो उसे वहीं पर काम में लाया जाना चाहिए। चॉकलेट मोदक व जेली का वितरण दक्षिणी परिसर बरकछा से आए विद्यार्थियों ने नारियल की जेली व चाकलेट का मोदक मालवीय भवन के पास वितरित किया। इस दौरान कृषि विज्ञान संस्थान की झांकी ने विभिन्न उपयोगी पेड़-पौधों व खेती की वैज्ञानिक विधियों से लोगों को रूबरू कराया।