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पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह ने वाराणसी के यूपी कालेज से ही सीखा था राजनीति का कहकरा

यूपी कालेज का गौरवशाली इतिहास रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह राजर्षि की बगिया के ही फूल थे। उन्होंने राजनीति का कहकरा यूपी कालेज से ही सीखा था। यूपी कालेज से निकलकर वह प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 09:41 AM (IST)
पूर्व पीएम विश्वनाथ प्रताप सिंह ने वाराणसी के यूपी कालेज से ही सीखा था राजनीति का कहकरा
यूपी कालेज की स्थापना 1909 में राजर्षि उदय प्रताप सिंह ने हीवेट क्षत्रिया हाई स्कूल के रूप में की थी।

वाराणसी, जेएनएन। यूपी कालेज का गौरवशाली इतिहास रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह राजर्षि की बगिया के ही फूल थे। उन्होंने राजनीति का कहकरा यूपी कालेज से ही सीखा था। यूपी कालेज से निकलकर वह प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे। यही नहीं पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री स्व. अर्जुन सिंह, प्रो. नामवर सिंह, डा. शंभू नाथ सिंह, डा. केदारनाथ सिंह, डा. शिव प्रसाद सिंह, डा. बच्चन सिंह सहित पूर्व छात्रों की लंबी कड़ी कालेज से जुड़ी हुई है।

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यूपी कालेज की स्थापना वर्ष 1909 में राजर्षि उदय प्रताप सिंह ने हीवेट क्षत्रिया हाई स्कूल के रूप में की थी। वर्ष 1921 से इंटर की कक्षाएं शुरू की गई। इस क्रम में वर्ष 1949 में इसी परिसर में डिग्री कालेज की स्थापना की गई। डिग्री कालेज की शुरूआत कला व वाणिज्य में स्नातक कक्षाओं हुई। वर्ष 1950 में विज्ञान वर्ग, वर्ष 1963 में कृषि व वर्ष 1972 में बीएड के अलावा विज्ञान व कला विषय में स्नातकोत्तर की मान्यता मिली। दूसरी ओर बालिकाओं की शिक्षा के लिए 1964 में रानी मुरार कुमारी बालिका इंटर कालेज की स्थापना की गई। शिक्षा के विस्तार का यह सिलसिला आगे भी जारी रहा। इस क्रम में वर्ष 1994 में उदय प्रताप पब्लिक स्कूल, तकनीकी शिक्षा के लिए वर्ष 1999 में राजर्षि स्कूल आफ मैनेजमेंट एंड टेक्लोजाजी खोला गया। वहीं वर्ष 1991 में उदय प्रताप महाविद्यालय को स्वायत्तशासी का दर्जा मिला। इस प्रकार नन्हें पौधे के रूप में स्थापित हीवेट क्षत्रिया कालेज वर्तमान में एक विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है। सौ एकड़ विशाल परिसर पांच-पांच संस्थाएं चल रहीं हैं। इन संस्थाओं के विभिन्न पाठ्यक्रमों में करीब 15000 विद्यार्थी अध्ययनरत है। इन संस्थाओं में करीब 350 शिक्षक व 500 कर्मचारी तैनात है। छात्रों के लिए परिसर में 14 व छात्राओं के लिए तीन छात्रावास भी बनाए गए हैं। कालेज 111वां स्थापना दिवस 25 नवंबर को मनाने जा रहा है। कोविड के संक्रमण को देखते हुए स्थापना दिवस समारोह को सादगी से मनाने का निर्णय लिया गया है। समारोह में करीब 200 लोगों को आमंत्रित किया गया है। इसमें अतिथियों के अलावा शिक्षक, कर्मचारी भी शामिल है।


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