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इसरो के पूर्व अध्यक्ष डा. के सिवन आइआइटी- बीएचयू पहुंचकर छात्रों से कहा- स्पेस में हमेशा ऊंचा रहे देश का सिर

इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के पूर्व अध्यक्ष डा. के सिवन मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू पहुंचे। संस्थान के निदेशक व छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और बात की। कहा कि हम ऐसा प्रयास करें कि इंडिया फिर से भारत बने।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 09:22 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 09:22 PM (IST)
इसरो के पूर्व अध्यक्ष डा. के सिवन आइआइटी- बीएचयू पहुंचकर छात्रों से कहा- स्पेस में हमेशा ऊंचा रहे देश का सिर
इसरो के पूर्व अध्यक्ष डा. के सिवन मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बीएचयू के छात्र-छात्राओं से मुलाकात की।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के पूर्व अध्यक्ष डा. के सिवन मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बीएचयू पहुंचे। संस्थान के निदेशक व छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और बात की। कहा कि हम ऐसा प्रयास करें कि इंडिया फिर से भारत बने। हम तकनीक समेत हर मामले में आत्मनिर्भर हों। अपने दो दिवसीय बनारस प्रवास में काशी विश्वनाथ, संकट मोचन समेत 15 मंदिरों में दर्शन कर चुके डा. सिवन ने कामना की कि स्पेस टेक्नोलाजी समेत संपूर्ण विकास में देश का सिर हमेशा ऊंचा रहे।

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कहा कि यह कार्य युवा ही कर सकते हैं। युवाओं से उन्होंने कहा, भारत व खुद को आत्म निर्भर बनाने के लिए पूरजोर मेहनत करें। यहां के छात्रों ने एनर्जी सुरक्षा, भूकंप, गंगा आदि विषयों पर अपनी रुचि दिखाई। डा. सिवन ने आइआइटी निदेशक प्रमोद कुमार जैन के साथ मुलाकात में इसरो के रीजनल स्पेस सेंटर का जिक्र किया। प्रोजेक्ट रिपोर्ट देखी और कहा कि इस सेंटर में जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं उनमें हर संभव मदद की जाएगी। आइआइटी-बीएचयू के युवाओं में काफी ऊर्जा है। वे हर काम बखूबी कर सकते हैं। संस्थान के गेस्ट हाउस में डा. सिवन से मिलने वालों की होड़ लगी रही। सुबह परिसर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में अचानक मुलाकात होने पर उत्साहित युवाओं ने उनके साथ सेल्फी ली।

राकेट मैन के नाम से विख्यात हैं डाक्‍टर के सिवन

डा. सिवन 15 जनवरी 2018 से 14 जनवरी 2022 तक इसरो के अध्यक्ष रहे। वैसे वे 1980 से ही इस क्षेत्र से जुड़े हैं। उनके कार्यकाल में देश का सबसे सफलतम स्पेस मिशन मंगलयान व चंद्रयान-2 से लेकर प्रक्षेपण तक के काम हुआ, जिसका उन्होंने नेतृत्व किया। राकेट मैन के नाम से विख्यात के सिवन विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने 1980 एमआइटी से एयरोनाटिक इंजीनियरिंग, आइआइएससी से एमटेक व आइआइटी बांबे से पीएचडी किए हैं।


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