इसरो के पूर्व अध्यक्ष डा. के सिवान वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती में हुए शामिल
इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के पूर्व अध्यक्ष डा. के सिवान सोमवार की शाम को वाराणसी दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां पर गंगा सेवा निधि द्वारा दैनिक मां गंगा की आरती में सपत्नी शामिल हुए। दोनों ने मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन और गंगा आरती देख अभिभूत हुए।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के पूर्व अध्यक्ष डा. के सिवान सोमवार की शाम को वाराणसी दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां पर गंगा सेवा निधि द्वारा दैनिक मां गंगा की आरती में सपत्नी शामिल हुए। दोनों ने मां गंगा का वैदिक रीति से पूजन और गंगा आरती देख अभिभूत हुए। कभी सेल्फी ली तो कभी वीडियो बनाया। करीब एक घण्टे तक दशाश्वमेध घाट पर मौजूद रहे। इस दौरान घाट पद उपस्थित इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के सिवान को देख लोगों ने सेल्फी व तस्वीरे खिंचवाई। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा,कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव ने अंगवस्त्रम और रुद्राक्ष की माला और प्रसाद देकर स्वागत किया गया। गंगा सेवा निधि के विजिटर बुक में इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के सिवान ने लिखा बहुत ही अद्भुत अनुभव। बहुत ही खूब सूरत था गंगा सेवा निधि का शुक्रिया व्यक्त किए।
भारत के रॉकेट मैन के रूप में जाना जाता है के डाक्टर के सिवन को
के सिवन को लोकप्रिय रूप में भारत के रॉकेट मैन के रूप में जाना जाता है। आपको बता दें कि डॉ के सिवन भारत के वर्तमान इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) अध्यक्ष हैं। हाल ही उनकी अध्यक्षता में इसरो ने 22 जुलाई 2019 को चंद्रमा पर भारत का दूसरा मिशन चंद्रयानI लॉन्च किया गया था। के सिवन को भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के लिए क्रायोजेनिक इंजन के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉ सिवन किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करते। हाल ही के कुछ समय में के सिवन दुनिया भर के लोगों और भारतीयों के लिए हीरो और प्रेरणा बन गए है। सिवन एक ऐसे इंसान है जो एक किसान के बेटे से इसरो प्रमुख बने हैं, जो उनके पिता और पूरे भारत के लिए बहुत गर्व की बात है।