जल संरक्षण के लिए बनाई मानव श्रृंखला
वाराणसी : विश्व जल दिवस पर गुरुवार को असि घाट से लेकर राजा चेत सिंह घाट तक बालकों युवाओ
वाराणसी : विश्व जल दिवस पर गुरुवार को असि घाट से लेकर राजा चेत सिंह घाट तक बालकों युवाओं व महिलाओं ने मानव श्रृंखला बनाकर गंगा की अविरलता व निर्मलता का संकल्प लिया। इस दौरान तुलसी घाट पर आयोजित जल सभा में महात्मा गाधी काशी विद्यापीठ के कुलपति व संकट मोचन मंदिर के महंत ने भारत की जीवन रेखा गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जन भागीदारी पर बल दिया। संकट मोचन फाउंडेशन व ओज ग्रीन आस्ट्रेलिया के की ओर से विभिन्न स्कूलों की छात्र-छात्राओं ने असि घाट से शुरू कर गंगा महल, रीवा तुलसीघाट, भदैनी घाट, जानकी घाट व राजा चेतसिंह घाट तक हाथों से हाथ मिलाकर गंगा प्रदूषण मुक्ति के प्रति जुड़ने का संदेश दिया। मानव श्रृंखला में तुलसी विद्या निकेतन, वेदात श्री शिक्षा समिति-रामनगर, संस्कृत विद्यालय मीरघाट, डब्ल्यूएच स्मिथ स्कूल, रामेश्वरमठ रविदास पार्क के बच्चों ने भाग लिया। तुलसी घाट पर आयोजित जल सभा में मुख्य अतिथि महात्मा गाधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. पृथ्वीश नाग ने कहा कि गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए जनजागरूकता, अध्यात्मिकता और तकनीकी पक्षों पर कार्य करने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि अखंडानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा के मातृत्व की रक्षा के लिए एकजुट होकर प्रयास किया जाना चाहिए। वहीं अध्यक्षता करते हुए संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा 1985 से गंगा प्रदूषण मुक्ति के लिए कार्य हो रहा है। उस समय गंगा में 15 नाले गिरते थे लेकिन अब 33 नालों का गिरना गंगा सफाई पर प्रश्न चिह्न खड़ा करता है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करना के लिए इसमें नालों का गिरना बंद हों। संचालन राजेंद्र दुबे एवं रामयश मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन केंद्रीय ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्र ने किया। इस अवसर पर टीएम महापात्रा, त्रिपुरा के धर्म गुरु गौतम मिश्र , अशोक पाडेय, राजेश कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे।
मदर्स फार मदर ने गंगा की रक्षा का लिया संकल्प
-मदर्स फार मदर की दर्जनों महिलाओं ने भी मानव श्रृंखला व जल सभा में भाग लेकर गंगा को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया। संयोजिका आभा मिश्र के नेतृत्व में सरोजनी महापात्रा व तुन शुक्ला सहित नारी शक्ति ने मा गंगा के लिए स्वच्छता अभियान चलाकर प्रदूषण मुक्ति की ठानी। संयोजिका ने कहा कि मा गंगा हमारे लिए जीवन दायिनी है। अपनी इस मा के लिए हम माताओं को सकारात्मक पहल करनी होगी क्योंकि मा ही मा का दर्द जानती है।