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सौ हेक्टेयर में खिलेगा जोगिया दरी का सौंदर्य, वन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा

पहली बार दुनिया की नजरों में आया जोगिया दरी जल्द ही मीरजापुर जिले का मुख्य पर्यटक स्थल बनने जा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 06:15 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 09:02 AM (IST)
सौ हेक्टेयर में खिलेगा जोगिया दरी का सौंदर्य, वन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा
सौ हेक्टेयर में खिलेगा जोगिया दरी का सौंदर्य, वन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा

मीरजापुर [मनोज द्विवेदी]। पहली बार दुनिया की नजरों में आया जोगिया दरी जल्द ही मीरजापुर जिले का मुख्य पर्यटक स्थल बनने जा रहा है। लगभग 220 फीट की ऊंचाई से गिरते दूधिया पानी के आसपास सौ हेक्टेयर में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। वन विभाग द्वारा जीपीएस लोकेशन के साथ प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। इससे आसपास खनन पर अंकुश लगेगा और पर्यावरण संरक्षण हो सकेगा। 

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दैनिक जागरण की पहल पर अब दुनिया की नजरों मे आए जोगिया दरी के दिन भी बहुरने वाले हैं। खबर प्रकाशित होने के बाद अधिकारियों ने यहां का दौरा किया। शासन ने वन विभाग से पर्यटन स्थल का ब्यौरा मांगा। इस पर वन विभाग के अधिकारियों सहायक वन संरक्षक पीके शुक्ल, वीके सिंह, पीके मिश्रा की टीम द्वारा पालिगान व जीपीएस लेकर प्रस्तावित रिपोर्ट भेज दी गई। स्वीकृति मिलते ही इसपर कार्य भी शुरू हो जाएगा। साथ ही साथ अब यहां जाने के लिए वन विभाग अपने वन मार्ग को दुरस्त कर आम जन मानस के लिए खोलने जा रहा है। इससे दूर के सैलानी भी जंगल के बीच छिपे इस प्राकृतिक सुंदरता को करीब से निहार सकेेंगे। जोगिया दरी तीन ओर से जंगल की सुनहरी वादियों से ढंकी है। दौ सौ फीट से अधिक उंचाई से दूधिया पानी कल-कल करता चट्टानों से उतरता है तो लगता है कि प्रकृति ने यहां स्वयं दस्तक दे दिया है।

सुगम होगा दरी का रास्ता

अब जोगिया दरी को देखने के लिए बांणसागर की पटरियों से नहीं गुजरना पड़ेगा। मीरजापुर-सोनभद्र मार्ग से दस किलोमीटर अंदर जाने पर ही विहंगम ²श्य दिखाई देने लगेगा। इस कंकरीले व उबड़-खाबड़ रास्ते में पेड़ों की टहनियों का जाल फैला है। इसे वन विभाग द्वारा कटवाकर मार्ग को दुरस्त कर दिया जाएगा। 

पर्यावरण संरक्षण, खनन पर अंकुश

बीच जंगल के इस क्षेत्र मे अधिकारियों के न पहुंच पाने से जहां खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। अब यहां करीब सौ हेक्टेयर में विकास किया जाएगा इससे खनन पर रोक लगेगी। साथ ही इस प्राकृतिक क्षेत्र को खत्म होने से बचाया जा सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि जल संरक्षण के लिए यहां चैकडेम और तालाबों में पानी का संचय होगा।

- जागिया दरी की जानकारी होने पर मंत्रालय द्वारा लोकेशन रिपोर्ट मांगी गई। इस पर जीपीएस लोकेश्न भेजा गया है। साथ ही जोगिया दरी के कायाकल्प का प्रस्ताव भी स्वीकृति के लिए भेजा है। - प्रदीप कुमार मिश्र, वन क्षेत्राधिकारी, मडि़हान रेंज।


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