आजमगढ़ से वन विभाग ने पकड़ा लकड़बग्घा, पिंजड़े में बंद लकड़बग्घे को वन विभाग करेगा लखनऊ रवाना Azamgarh news
शहर से सटे हाफिजपुर गांव से वन विभाग की टीम ने एक आपरेशन के दौरान सोमवार को घायल लकड़बग्घा को पकड़ लिया।
आजमगढ़, जेएनएन। शहर से सटे हाफिजपुर गांव से वन विभाग की टीम ने एक आपरेशन के दौरान सोमवार को घायल लकड़बग्घा को पकड़ लिया। अनुमान है कि लकड़बग्घा देवारा क्षेत्र से आया था। जख्मी हालत में मिले लकड़बग्घे को मौके पर ही प्राथमिक उपचार कराकर वन अधिकारी रेंज आफिस पल्हनी ले गए। लकड़बग्घे के पैर में चोट के निशान पाए गए। उप प्रभागीय वनाधिकारी ओपी मिश्रा ने बताया कि दौड़ते समय लकड़बग्घा कहीं जख्मी हो गया था इसलिए वह ज्यादा भाग नहीं पा रहा था।
हाफिजपुर गांव के निकट ग्रामीण अपने खेत में गए थे जहां झाडिय़ों के बीच हलचल महसूस हुई तो ग्रामीणों ने ध्यान दिया। झुरमुटों में जंगली जानवर नजर आया तो ग्रामीण परेशान हो गए। उसकी हरकत तेज हुई तो लकड़बग्घा होने की पुख्ता जानकारी हुई। डरे-सहमे ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी तो वनकर्मी साजो-सामान के साथ मौके पर पहुंच गए। जाल फेंककर लकड़बग्घे को पकडऩे की कोशिश हुई। लकड़बग्घा फिर भागा और झाडिय़ों में दोबारा छिप गया। वन विभाग की टीम ने रात भर उसे छोड़ दिया। भोर होते ही उसे चारों ओर से घेराबंदी कर जाल बिछाया। जैसे ही पटाखा फोड़ा तो वह डरकर भागने लगा और जाल में फंस गया।
वनकर्मी नजदीक पहुंचे तो लकड़बग्घा के घायल होने की जानकारी हुई। इसके बाद वनाधिकारियों ने पशु चिकित्सक को बुलाकर उसका उपचार कराया। कुछ देर बाद उसे आराम हुआ तो उसे ङ्क्षपजड़े में कैद कर लेकर चले गए। दरअसल, लकड़बग्घा छोटे पशुओं व बच्चों को मार डालता है। पशु चिकित्सक ने बताया कि उसे ठीक होने में कम से कम तीन दिन लगेंगे। इसलिए उसे रेंज आफिस पल्हनी में ङ्क्षपजड़े में रखा गया है। वनकर्मियों की टीम में क्षेत्रीय वनाधिकारी राधेश्याम मिश्रा, नरेंद्र ङ्क्षसह, रविकांत, लक्ष्मीशंकर सोनकर, चंद्रभूषण, कुलबुल यादव आदि शामिल रहे।