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सारनाथ में ऐतिहासिक धरोहर देख अभिभूत हुए सात देशों के 27 सैलानी, काशी में घाट, मंदिर व गंगा आरती का लेंगे आनंद

सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में पहुंचे विदेशी सैलानियों ने कहा काशी प्राचीन सांस्कृतिक नगरी है। जितना सुना था यह स्थान उससे कहीं अधिक सुंदर है। सभी सैलानी यहां के घाटों मंदिर व गंगा आरती देखने के बाद लखनऊ रवाना होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Sat, 28 Jan 2023 03:25 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jan 2023 03:25 PM (IST)
सारनाथ में ऐतिहासिक धरोहर देख अभिभूत हुए सात देशों के 27 सैलानी, काशी में घाट, मंदिर व गंगा आरती का लेंगे आनंद
सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में पहुंचे विदेशी सैलानी। -जागरण

वाराणसी, जागरण संवाददाता। भारत की प्राचीन संस्कृति, धरोहरों, यहां के रहन-सहन और खान-पान से विदेशी सैलानी रूबरू हुए। सात देशों के 27 विदेशियों का दल सारनाथ स्थित पुरातात्विक खंडहर परिसर में धरोहरों का अवलोकन कर अभिभूत हो उठा।

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इन देशों से आए पर्यटक

पुरातात्विक खंडहर परिसर में सुबह करीब 11 बजे पहुंचे दल ने धर्मराजिका स्तूप, अशोक स्तंभ, प्राचीन मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के अवशेष देखने के बाद धमेख स्तूप पर बनी कलाकृतियों व उसके इतिहास को जाना। इस दौरान हैंडीक्राफ्ट के कुछ सामान भी खरीदे। प्रोटोकॉल अधिकारी असलम खान ने बताया कि इस दल में अर्जेंटीना, बोत्सवाना, कनाडा, जापान, हंगरी, इंडोनेशिया, लिथुआनिया के कुल 27 सैलानी हैं।

10 दिनों तक भारत के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे सैलानी

ये लोग 10 दिनों तक भारत के ऐतिहासिक स्थलों व संस्कृति शहरों का भ्रमण कर रहे हैं। इसके पहले अब तक छह दल भ्रमण कर चुके हैं। ये लोग दिल्ली -आगरा घूमने के बाद काशी में घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा की आरती देखने के बाद लखनऊ में ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करेंगे।

क्या कहते हैं पर्यटक

  • काशी प्राचीन सांस्कृतिक नगरी है। जितना सुना था यह स्थान उससे कहीं अधिक सुंदर है। भगवान बुद्ध की स्थली पर आकर बहुत शांति का अनुभव हुआ। -सपुत्री एस, इंडोनेशिया।
  • भारत शानदार और शांतिप्रिय देश है। यहां आकर मुझे सुकून का अनुभव हो रहा है। मैं यहां ऐतिहासिक स्थलों पर उसके इतिहास को समझ रही हूं। -बोगोलो जे केन बोत्वना।

कई देशों के प्रतिनिधियों ने किया बीएचयू का दौरा

आठ देशों के सदस्यों वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय का दौरा किया। अर्जेंटीना, बोत्सवाना, कनाडा, यूक्रेन, हंगरी, इंडोनेशिया, जापान तथा लिथुआनिया के सदस्यों वाले इस प्रतिनिधिमंडल में छह भारतीय सदस्य भी थे। यह दौरा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के जेनेक्सट डिमोक्रेसी नेटवर्क प्रोग्राम के अंतर्गत तथा कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के आमंत्रण पर अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है।

प्रतिनिधिमंडल में सत्तारूढ़ तथा विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के युवा सदस्य, उद्यमी तथा विभिन्न क्षेत्रों की उभरती युवा हस्तियां शामिल थीं। सदस्यों के साथ संवाद करते हुए विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के समन्वयक प्रो. एनवी. चलपति राव ने “बीएचयू- इसकी विरासत, भारत के विकास में भूमिका तथा अवसरों” पर चर्चा की। विदेशी प्रतिनिधियों ने नवोन्मेष. अंतर्विषयी अध्ययन व अनुसंधान समेत अन्य क्षेत्रों में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों व प्रगति में विशेष रुचि दिखाई। उन्होंने विश्वविद्यालय में पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के बारे में भी जानकारी ली। सदस्यों ने पारस्परिक हित के विभिन्न क्षेत्रों में बीएचयू के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की।


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