बीएचयू के आयुर्वेद विभाग में अब विदेशी मेडिकल छात्र भी भूत विद्या की करेंगे पढ़ाई
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विभाग में अब विदेशी मेडिकल छात्र भी भूत विद्या की पढ़ाई करेंगे। आवेदन की अंतिम तिथि पूरी होने के बाद अब जल्द दाखिला शुरू होगा।
वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विभाग में अब विदेशी मेडिकल छात्र भी भूत विद्या की पढ़ाई करेंगे। आवेदन की अंतिम तिथि पूरी होने के बाद अब जल्द दाखिला शुरू होगा। आयुर्वेद संकाय बीएचयू ने इसी सत्र से भूत विद्या, विज्ञान रसायन व वाजीकरण में चार नए सॢटफिकेट कोर्स की शुरुआत कर आष्टांग आयुर्वेद की परिकल्पना पूरी की है। इन सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों के लिए 30 जून तक आवेदन करना था। सूत्रों के मुताबिक भूत विद्या के लिए मिले करीब 15 आवेदन में से तीन इंग्लैंड से हैं।
पूर्व संकाय प्रमुख प्रो. यामिनी भूषण त्रिपाठी के मुताबिक भूत विद्या भूत-प्रेत वाली पढ़ाई नहीं है। भूत विज्ञान का अर्थ है जिसका कारण पता न हो और प्रभाव दिखाई दे। इसका उल्लेख चरक संहिता में है। आयुर्वेद के विद्वानों को इसके इलाज की विधि मालूम है। इसके तहत मेडिकल के छात्रों को साइकोसोमैटिक डिसआर्डर (मनो-दैहिक विकार) के बारे में पढ़ाया जाएगा।
मेडिकल छात्रों के लिए है कोर्स
प्रो. त्रिपाठी के मुताबिक भूत विद्या में सर्टिफिकेट कोर्स केवल माडर्न मेडिकल व आयुर्वेद के छात्रों के लिए बनाया गया है। छह माह के कोर्स की फीस 50 हजार रुपये है। साइकोसोमैटिक डिसआर्डर को असामान्य घटनाओं से जोड़कर देखा जाता है। छात्रों को आयुर्वेद में वर्णित इसके इलाज की पद्धति बताई जाएगी।
नए कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया गाइड लाइन के मुताबिक
नए कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया गाइड लाइन के मुताबिक शुरू होगी। आवेदन करने वाले भारतीय व विदेशी छात्रों का विवरण फाइनल होने के बाद ही बताया जा सकेगा।
- एमआर पाठक, संयुक्त कुलसचिव-प्रवेश परीक्षा बीएचयू।
अंधविश्वास को दूर करने के लिए इस विधा का प्रयोग करना बताया जाएगा
साइकोसिमेट्रिक अर्थात मानसिक बीमारी का इलाज वैज्ञानिक ढंग से हो और लोगों के अंदर अंधविश्वास को दूर करने के लिए इस विधा का प्रयोग करना बताया जाएगा। इसके अलावा असफलताओं से कैसे लड़ें और विजय पाएं इसके बारे में भी इस कोर्स के अंतर्गत पढ़ाया जाएगा। यहां से सर्टिफिकेट प्राप्त छात्र समाज में प्रैक्टिस भी करेंगे। वह भूत, ग्रह, मानस के बारे में फैली भ्रांतियों को आम नागरिकों के मन से दूर करेंगे। इसके अलावा कोलाइटिस, अवसाद के अलावा किसी भी प्रकार की मानसिक चोट को ठीक करेंगे। यहीं नहीं जरूरत पडऩे पर मरीज को संबंधित औषधि भी देंगे और उपचार भी किया जाएगा। यदि मरीज भूत-प्रेत बाधा से ग्रसित है तो प्राचीन चिकित्सा पद्धति को विज्ञान से जोड़ते हुए इलाज कर उसे स्वस्थ करेंगे। इसके बदले सर्टिफिकेटधारी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले वाजिब फीस भी लेंगे।