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वाराणसी में आयोजित कारपेट एक्‍सपो में 'सोने की चिड़िया' की चमक देख मुरीद हुए विदेशी मेहमान

भारतीय हुनर की चमक ने विदेशी मेहमानों को मुरीद कर दिया मौका इंडिया कारपेट एक्स्पो में खरीदारी का रहा जिसमें सोने की चिड़िया के कई रंग दिखे।

By Edited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 01:43 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 08:45 AM (IST)
वाराणसी में आयोजित कारपेट एक्‍सपो में 'सोने की चिड़िया' की चमक देख मुरीद हुए विदेशी मेहमान
वाराणसी में आयोजित कारपेट एक्‍सपो में 'सोने की चिड़िया' की चमक देख मुरीद हुए विदेशी मेहमान

वाराणसी, जेएनएन। भारतीय हुनर की चमक ने विदेशी मेहमानों को मुरीद कर दिया। मौका इंडिया कारपेट एक्स्पो में खरीदारी का रहा, जिसमें 'सोने की चिड़िया' के कई रंग दिखे। चीन-अमेरिका समेत कई देशों के 266 आयातक पहुंचे तो प्रदर्शनी के होकर रह गए। मेहमानों की रुचि से उत्साहित उत्पादक ग्लोबल मंदी में भी 400 करोड़ के कारोबार की उम्मीद लगा बैठे हैं। चाइना के हतोत्साहित होने से भी उम्मीदों को पंख लगे हैं। 266 विदेशी खरीदारों के पहुंचने प्रदर्शनी में रौनक संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में लगी प्रदर्शनी में दूसरे दिन शनिवार को 85 विदेशी खरीदार पहुंचे थे।

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पहले दिन दस्तक दिए 181 विदेशी आयातक भी मौजूद रहे। ऐसे में 266 आयातकों के प्रदर्शनी में पूरे दिन मौजूद रहने से रौनक रही। स्टाल सजाए कारोबारियों के चेहरे पर भी मुस्कान नजर आई। मशीन मेड उत्पादों की बढ़ी डिमांड यूं तो कालीन का नाम सुनते ही दिमाग में हथकरघा गूंज उठता है। जबकि प्रदर्शनी में मशीन मेड कार्पेट, कुशन, वाल हैंगिंग खरीदारों के सिर चढ़कर बोली। मसलन, युवा पीढ़ी हल्का एवं खूबसूरत कारपेट पसंद कर रहे थे। जबकि हैंडमेड कालीन मजबूत एवं वजनी होता है। 400 करोड़ के कारोबार की उम्मीद चार सौ खरीदारों ने प्रदर्शनी में पहुंचने की इच्छा जताई थी। दो दिनों में 65 फीसद से ज्यादा मेहमान पहुंच चुके हैं। ऐसे में 134 आयातकों के और पहुंचने की उम्मीद प्रबल हो गई है।

आयातकों की रुचि देख उत्पादक कारोबार के 400 करोड़ तक जा पहुंचने की उम्मीद जताने लगे हैं। कश्मीर-मीरजापुर तक की चमक प्रदर्शनी में बीकानेर, बनारस, जयपुर, मीरजापुर, भदोही, आगरा, पानीपत, कश्मीर की कला की दूसरे दिन भी चमक बिखरती रही। हल्के रंग के उत्पाद रोशनी में मेहमानों की आंखों को भा जाने से आर्डर देने को विवश होते दिखाई पड़े। कहां-कहां से पहुंचे आयातक चीन, अमेरिका, यूक्रेन, आस्ट्रेलिया, कजाकिस्तान, यमन, जर्मनी, कुवैत, कतर, जापान, फ्रांस, इटली, कनाडा, नार्वे, बुल्गारिया, इजरायल, मॉरीशस, ताइवान, वियतनाम, नेपाल, अफगानिस्तान, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर से आयातक पहुंचे हैं।

चीन के हतोत्साहित होने से भी लगे उम्मीदों के पंख कारपेट, वाल हैंगिंग, कुशन इत्यादि उत्पाद मशीनों के जरिये चीन में शुरू होने के कुछ सालों बाद ही बंद हो गया। चाइना के कारोबारी भी भारत पर निर्भर हुए तो कारपेट कारोबार में उछाल आ गया। यही वजह है, सबसे बड़े खरीदार जर्मनी की जगह अमेरिका ने लिया तो दूसरे नंबर पर चीन जा पहुंचा।


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