विदेशी कंपनी भी शामिल है 1500 करोड़ से अधिक के घोटाले में, बोगस कंपनियों ने शेयर बाजार के जरिए किया घपला
बैंकों व अन्य वित्तीय कंपनियों और शेयर बाजार के माध्यम से 1500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हाई प्रोफाइल है।विदेश तक की कंपनियां इसमें संलिप्तता हैं। अदालत के आदेश पर जफराबाद पुलिस ने मुकदमा भले ही दर्ज कर लिया है लेकिन विवेचना में उसे पसीने छूटने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, जौनपुर। बैंकों व अन्य वित्तीय कंपनियों और शेयर बाजार के माध्यम से 1500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हाई प्रोफाइल है। देश ही नहीं विदेश तक की कंपनियां इसमें संलिप्तता हैं। अदालत के आदेश पर जफराबाद पुलिस ने मुकदमा भले ही दर्ज कर लिया है, लेकिन विवेचना में उसे पसीने छूटने लगे हैं।
दफा 156 (3) के तहत भुवालापट्टी निवासिनी पेशे से प्राइवेट शिक्षिका व समाजसेविका बाबा बेटी ने इस घोटाले के संबंध में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें स्टेट बैंक की सिविल लाइन शाखा के तत्कालीन मैनेजर रोहित पाराशर सहित 28 को आरोपित किया गया था। प्रार्थना पत्र के मुताबिक एसबीआइ शाखा भोपाल के संबंध में आपराधिक साजिश में अनिल गुप्ता व अन्य के बारे में जानकारी मिलने पर वह सत्यापन के लिए मुख्य शाखा एसबीआइ सिविल लाइन जौनपुर गईं। शाखा प्रबंधक ने कागजात ले लिया और दो सप्ताह बाद आने को कहा। 17 मार्च 2021 को फिर गईं तो शाखा प्रबंधक ने कहा कि उन्हें इसकी कोई सूचना नहीं है। इसके साथ ही शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालने लगे। बोले कि बैंक से चली जाओ नहीं तो स्टाफ की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।
आरोप है कि बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं ने आंख मूंदकर देश व जनता की गाढ़ी कमाई कारपोरेट के रूप में अपराधियों के समूह को दे दी। इस तरह से 70 फीसद से अधिक सार्वजनिक धन को बट्टे खाते में डालकर सरकारी खजाने को क्षति पहुंचाई। इस हेराफेरी में एसकेएस पावर जेनरेशन छत्तीसगढ़ प्राइवेट लिमिटेड, प्रमोटर्स व निदेशक न्यू सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड, प्रमोटर्स निदेशक अकेसिया सरप्लस प्राइवेट लिमिटेड, प्रमोटर्स व निदेशक स्टोरी एजेंसीज लिमिटेड, प्रमोटर्स व निदेशक श्रीकृष्णा स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, प्रमोटर्स व निदेशक विंग्स एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड, प्रमोटर्स और निदेशक नार्थ वेस्ट कोई कंपनी लिमिटेड, प्रमोटर्स व निदेशक सुगौली डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रमोटर्स व निदेशक गेब्रियल डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रमोटर्स व निदेशक एंबिशन क्लासेस प्राइवेट लिमिटेड, प्रमोटर्स व निदेशक कंपैक्ट एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड, ब्लैक स्टोन, मारीशस की बेरियो व अन्य फर्जी कंपनियां रहीं। केएस समूह की कंपनियों ने 589 करोड़ रुपये का दुर्विनियोग किया। एसकेएस और इसकी कंपनियों ने सरकारी खजाने को भारी क्षति पहुंचाई। एसकेएस समूह की कंपनियों की अधिकांश फर्जी कंपनियां जिन्होंने एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड और कृष्णा स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया था। उन्हें सिटीविंग्स ने बहुत सस्ते दर पर कब्जे में ले लिया। इससे राजकोष को 100 करोड़ का घाटा हुआ। इसी तरह से अन्य मामलों में करोड़ों के शेयर घोटाले किए गए।
धोखाधड़ी में ज्ञानमूर्ति स्टील लिमिटेड के निदेशक उमा झा, आशा भदौरिया, सूरज प्रकाश पुरोहित, राहुल कुमार दास, संदीप कुमार गुप्त, हंसनाथ यादव, संजय भदौरिया, विक्रम शर्मा रहे। यह सभी लाभेश्वरी एजेंसीज व कोलकाता में निगमित कई अन्य बोगस कंपनियों के भी निदेशक हैं। एलएलपी की अधिकांश हिस्सेदार नार्थ वेस्ट कोल कंपनी लिमिटेड है, जो एलएएल की होल्डिंग कंपनी है। कोल स्टील लिमिटेड 25 दिसंबर 2019 को एलएलपी में परिवर्तित हो गई थी और सभी निदेशक उसमें साझीदार बन गए थे। एलएलपी कंपनी द्वारा अधिग्रहित शेयरों को स्टील लिमिटेड की बैलेंस शीट के निवेश में नहीं दिखाया गया। मार्च 2017 की बैलेंस शीट के अनुसार पुलकित होम्स प्राइवेट लिमिटेड व माइंड पावर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के सभी शेयर ज्ञानमूर्ति स्टील लिमिटेड ने अधिग्रहित किए थे। ज्ञानमूर्ति स्टील लिमिटेड 25 दिसंबर 2019 को एलएलपी में परिवर्तित हो गई थी। सभी कंपनियों ने मिलकर 1500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया।
विवेचक को खोजे नहीं मिल रही वादिनी
इस मामले की विवेचना कर रहे जफराबाद थाने के एसआइ आशीष कुमार पांडेय मुकदमा दर्ज होने के बाद सात दिनों से बाबा बेटी को खोजते फिर रहे हैं। वह तहरीर में लिखाए गए नाम-पते पर नहीं मिल रहीं हैं। जाने पर घर में ताला लटका मिलता है। आरोपित कंपनियां व निदेशक प. बंगाल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश आदि राज्यों के हैं। वह कहते हैं कि मामला बहुत ऊंचे स्तर का है। इसकी जांच इकोनाॅमी डिफेंस विंग्स (ईओडब्ल्यू) से स्तर से होनी चाहिए। आगे जैसा उच्चाधिकारी कहेंगे, वैसा किया जाएगा।
अदालत में दिए गए प्रार्थना पत्र के मुताबिक 29 मार्च 2021 को भोर में तीन बजे दो अज्ञात असलहाधारी बाबा बेटी के भुवालापट्टी स्थित घर में घुस गए। धमकी दी कि इस मामले से किनारा कर लो, नहीं तो तुम्हें गायब कर देंगे। वे बाबा बेटी का मोबाइल फोन भी लेकर चले गए। थाने पर गईं तो सुनवाई नहीं हुई। उसी दिन रात में आठ बजे फिर अज्ञात बदमाश घर पर धमक पड़े। थाने जाने पर नाराजगी जताते हुए कई थप्पड़ जड़ दिए थे। धमकी दी कि बाहर निकलने पर गोली मार देंगे। इससे भयभीत बाबा बेटी ने घर छोड़ दिया। कोर्ट में अपील करने वाले जौनपुर कोर्ट के अधिवक्ता एसके यादव ने बताया कि मुझे बाबा बेटी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मेरे पास पूरे मामले का बना हुआ प्रार्थना पत्र आया था मैंने दाखिल कर दिया। कोर्ट ने आदेश दे दिया।