सारनाथ पक्षी विहार में पर्यटकों को भा रहे विदेशी प¨रदे
वाराणसी में 18 एकड़ में फैले सारनाथ पक्षी विहार में प्रत्येक वर्ष 20 लाख से अधिक पर्यटक आ रहे हैं।
कृष्ण बहादुर रावत, वाराणसी : 18 एकड़ में फैले सारनाथ पक्षी विहार में प्रत्येक वर्ष 20 लाख से अधिक पर्यटक आते हैं, यहां पर पक्षी और जानवर लोगों को खूब लुभाते हैं। भारतीय और विदेशी पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए अमेरिका, चीन और आस्ट्रेलिया से आठ विशिष्ठ पक्षी की आमद हुई है। इन्हें देखने के लिए इन दिनों खूब भीड़ उमड़ रही है। अभी हिरन, चीतल व मगरमच्छ समेत कई जानवर यहां मौजूद हैं। दशहरा तक कोलकाता से भी कई और विदेशी पक्षियों की आमद होने जा रही है। वन विभाग के क्षेत्राधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि दशहरे के बाद वे कोलकाता जाएंगे और विदेशी पक्षी को खरीद कर एक्सजेंज कर यहां लाएंगे। गुरुवार को वह लखनऊ गए थे, वहां उन्हें कोई विदेशी पक्षी नहीं मिला। इन प¨रदों की हुई आमद
गोल्डेन फिजन : सुनहले रंग के यह पक्षी चीन के पहाड़ी क्षेत्रों में पाये जाते।
सन पैराकीट : अमेरिका के घने जंगलों में यह पक्षी देखे जाते हैं।
इमू : ऑस्ट्रेलिया के सदाबहार पक्षी को नजदीक से देखने का आनंद अलग है। लोगों को खूब भा रहे पक्षी
गर्वीले तरीके से चहलकदमी करते हैं, जो देखने लायक होता है, दूसरी ओर अमेरिकी के घने जंगलों में रहने वाला सन पैराकीट पक्षी का फुदकना लोगों को आकर्षित करता है। अपने बाड़े में जलियों के किनारे ऑस्ट्रेलिया का ईमू पर्यटकों को देखता है तो दौड़ना शुरू कर देता है। यहां पर सबसे अधिक भीड़ बच्चों की होती है जिन्हें इसकी दौड़ बहुत प्यारी लगती है। यहां के मिनी जू में हैं ये जानवर
18 एकड़ क्षेत्रफल में फैले पक्षी विहार केंद्र में इस समय 91 चीतल, 9 काला हिरन, 2 घड़ियाल, तीन मगरमच्छ, छह शाही, चार ईमू, दो गोल्डन फिजेंट, दो सन पैराकीट, दो सारस और एक हवाशील है। नममि गंगे से मिले हैं 15 लाख रुपये
कुछ दिन पहले नममि गंगे फंड से 15 लाख रुपये मिले हैं, इससे टहलने के लिए पाथवे बनवाया जाएगा ताकि बरसात के दिनों में पर्यटकों को परेशानी का सामना न करना पड़े। 20 बैंच भी बनवाई जाएगी, जबकि 47 लाख रुपये का बजट भेजा है। निर्धारित प्रवेश शुल्क
5 रुपये : 3 से 12 वर्ष तक के लिए
10 रुपये : 12 वर्ष से वयस्क तक।
25 रुपये : एशियन पर्यटक के लिए।
50 रुपये : यूरोपियन और अमेरिकन पर्यटकों के लिए।