CAA को लेकर मऊ में उपद्रव के बाद 35 गिरफ्तार, 175 नामजद व 1150 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज, सभी स्कूल-कालेज अगले आदेश तक बंद
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सोमवार की शाम से देर रात तक बवाल की जद में रहे मऊ में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए कई जिलों की फोर्स बुला ली गई है।
मऊ, जेएनएन। नगर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर हुए बवाल के बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। इस मामले में थाना दक्षिणटोला व नगर कोतवाली में कुल 175 लोगों के विरुद्ध उपद्रव करने और हिंसा फैलाने तथा तोडफ़ोड़ व आगजनी करने के आरोपों में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि 1150 अज्ञात लोगों को भी मुकदमे की जद में लिया गया है। 35 को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सोमवार की शाम हुए बवाल के मामले में दक्षिणटोला थाने में 85 नामजद व 550 अज्ञात लोगों के विरुद्ध बलवा, शांति भंग, हिंसा करने, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने, जान से मारने के प्रयास, दंगा फैलाने की साजिश व 7 क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट की धाराओं में दो मुकदमे दर्ज किया गए हैं। एक मुकदमा थाना प्रभारी निहार नंदन कुमार और दूसरा थाने के मुंशी बाबूलाल ने दर्ज कराया है। जबकि नगर कोतवाली में इन्हीं आरोपों की धाराओं में 90 लोगों को नामजद करते हुए 600 अज्ञात लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं अपनी दो मीडियार्किमयों ने भी अपने वाहनों को क्षतिग्रस्त कर फूंके जाने के आरोप में अज्ञात लोगों के विरुद्ध तहरीर दी है। अभी इस मामले में और भी मुकदमे दर्ज किए जाने की संभावना बनी हुई है। जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने अगले आदेश तक जनपद के सभी स्कूल व कालेज को बंद करने का निर्देश दिया है।
अघोषित कफ्र्यू की जद में रहा शहर
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सोमवार की दोपहर भड़की ङ्क्षहसा के बाद देर शाम तक अराजकता की जद में रहे शहर में बहरहाल शांति बनी हुई है। पूरी रात सुरक्षाबलों के चक्रमण के बाद मंगलवार की भोर में पहुंचे एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय ने शहर का दौरा कर कानून-व्यवस्था का जायजा लिया। इसके बाद पहुंचे मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी और नवागत डीआइजी आजमगढ़ रवींद्र गौड़, जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी व पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य के साथ थाना दक्षिणटोला में बैठकर हालात को सामान्य करने के उपायों पर रणनीति बनाई। इधर पूरे दिन शहर में अघोषित कफ्र्यू जैसे हालात रहे। दुकानें व बाजार पूरी तरह से बंद रहे। पूरे शहर को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। शहर में खुलने वाले हर गली के नुक्कड़ों को बंद कर फोर्स तैनात कर दी गई है। भीतरी इलाकों में वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप रहा। इस दौरान कुल 28 लोगों को उपद्रव करने के आरोप में चिह्नित कर गिरफ्तार किया गया है। पूरे जिले की इंटरनेट सेवाएं 18 दिसंबर तक के लिए बंद कर दी गई हैं। जनपद में कई थानों की फोर्स तैनात है। आरएएफ व पुलिस के जवानों ने उपद्रव प्रभावित इलाकों में रूट मार्च किया तो अल्पसंख्यक बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में भी फोर्स सतर्क रही।
शहर में इंटरनेट सेवाएं और ब्राडबैंड पर रोक
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद शहर में उपजे हालात को देखते हुए जनपद में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई हैं। प्रशासन के आग्रह पर शासन के निर्देशानुसार बीएसएनएल के वाराणसी कार्यालय से शहर के 22 बीटीएस को चिह्नित करते हुए उनसे इंटरनेट व ब्राडबैंड सेवा बंद कर दी गईं। इसके अलावा वाई-मैक्स, वाई-फाई, एफटीटीएच सेवाएं भी बाधित कर दी गईं। हालांकि बाद में बीएसएनएल ने पूरे जिले में इंटरनेट सेवाओं को ठप कर दिया, जबकि निजी कंपनियों के नेट चलते रहे।
खाली कराए गए मदरसे
नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के विरोध मे सोमवार को सैकड़ों की तादात में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतर कर जो नंगा नाच खेला, उसी के तहत जिलाधिकारी ने प्राथमिक से लेकर इंटर कालेज तक के विद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया। वहीं मदरसों में बाहर से पढऩे आए छात्रों को तुरंत खाली करने का निर्देश मदरसों के मौलवियों को दिया गया।
मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी और नवागत डीआइजी आजमगढ़ रवींद्र गौड़ ने किया दौरा
पूरी रात आसपास के जनपदों से सुरक्षा बलों का आना जारी रहा। देर रात को लखनऊ से रवाना एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडेय मंगलवार की भोर में यहां पहुंच गए। आते ही उन्होंने उपद्रव प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। इसके बाद थाना दक्षिणटोला पहुंच वहां की स्थिति देखी और घटनाक्रम से अवगत हुए। कुछ ही देर बाद मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी और नवागत डीआइजी आजमगढ़ रवींद्र गौड़ भी थाना दक्षिणटोला पहुंच गए। वहां बैठ सभी अधिकारियों ने शहर के हालात पर चर्चा करते हुए स्थिति को सामान्य बनाने के उपायों पर मंत्रणा की। इधर पूरे शहर को सील कर दिया गया था। शहर पूरी तरह से दो हिस्सों में बंट गया है। हिंसा प्रभावित मुस्लिम बहुल इलाकों में अघोषित कफ्र्यू जैसी स्थिति बनी हुई है। सुबह दुकानें खोलने पहुंचे दुकानदारों को पुलिस बल ने वापस भेज दिया। सुबह कुछ दुकानदार जब दुकानें खोलने पहुंचे तो उन्हें वापस कर दिया गया। दूध और सब्जी वाले भी शहर के भीतर प्रवेश नहीं कर सके। मुख्य सड़क पर खुलने वाली हर गली के नुक्कड़ बैरीकेट कर दिए गए हैं। वहां फोर्स तैनात कर दी गई है। गलियों से निकलकर सड़क पर पहुंचने वालों को वापस उनके घरों में भेज दिया जाता रहा। इस बीच पुलिस ने रात में सोमवर की रात में उपद्रव करने के आरोप में चिह्नित किए 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि मंगलवार की सुबह नौ लोगों को हिरासत में लिया गया। सुरक्षाबलों ने पूरे शहर में रूट मार्च किया।
रेलवे व रोडवेज यात्रियों ने खूब झेली परेशानी
शहर के रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस अड्डे पर उतरने वाले यात्रियों के लिए मंगलवार का दिन बेहद चुनौतिपूर्ण रहा। ट्रेनों और बसों से सामान के साथ लोग उतरे लेकिन उन्हें दौड़कर बुलाने वाले न तो रिक्शा चालक नजर आए और न ही आटो चालक, इक्का-दुक्का थे भी तो कितने लोगों को लेकर जाते। इसके चलते यात्रियों को पैदल ही मुहल्लों तक जाना पड़ा। सबसे ज्यादा बुजुर्ग, महिलाओं एवं मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ज्यादा सामान लेकर आए लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी।
पूरी तरह प्रायोजित था हिसक विरोध
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जनपद में हुई हिंसा सही मायने में सुनियोजित दंगा है। इसकी बकायदा तैयारी की गई थी। कोई संगठन या कुछ लोग इसे पर्दे के पीछे से प्रायोजित करने में लगे थे। एक दिन पूर्व मौलानाओं, उलमाओं को चूडि़यां का भेजा जाना इस बात को साबित करता है कि उपद्रवियों की मंशा कुछ करने की बन चुकी थी।