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काशी आनंद में गंगा तट पर महाराष्ट्र की लोककला व संस्कृति की फुहार

वाराणसी : 'भारत आनंद-काशी आनंद' नैत्यिक उत्सव की सोमवार की शाम महाराष्ट्र की कला और संस्कृति के नाम

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 10:58 AM (IST)
काशी आनंद में गंगा तट पर महाराष्ट्र की लोककला व संस्कृति की फुहार
काशी आनंद में गंगा तट पर महाराष्ट्र की लोककला व संस्कृति की फुहार

वाराणसी : 'भारत आनंद-काशी आनंद' नैत्यिक उत्सव की सोमवार की शाम महाराष्ट्र की कला और संस्कृति के नाम रही। गंगा तट पर सुर व संगीत की प्रस्तुतियों के बीच मराठी कला की फुहार में दर्शक जमकर भीगे। उन्होंने प्रस्तुतियों पर कलाकारों को जमकर दाद दी। जीवनदायिनी के किनारे कलाकारों ने सुर-लय-ताल से खूबसूरत समां बांधा। डा. राजेंद्र प्रसाद घाट के मुक्ताकाशीय मंच पर उत्सव शुरू होते ही विभिन्न प्रांतों के दर्शकों, शहरियों व सैलानियों से घाट की सीढि़या भरने लगीं थीं।

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- गायन से हुआ आगाज

उत्सव का आगाज पूजा भट्टाचार्य के गायन से हुआ। पूजा ने राग शंकरा से सुरों की छटा बिखेरी। दादरा में गीत के बोल -आदा करे जरा.. सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर किया। सधे स्वरों में गीत को आकार देकर पूजा ने श्रोताओं की तालियां बटोरीं। इनके साथ तबले पर कृष्ण कुमार उपाध्याय व हारमोनियम पर अक्षत प्रताप सिंह ने कुशल संगत की।

- लावणी की भी मची धूम

मंच पर उतरीं रीता, शिवानी, शालिनी, वंशिका व सिद्धी ने सधे अंदाज में प्रसिद्ध लावणी नृत्य पेश कर उत्सव को ऊंचाई दी। परंपरागत वेशभूषा में नई प्रतिभाओं ने महाराष्ट्र की लोककला में शुमार लावणी की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पुणे की शिल्पा गौतम का नृत्य भी भरपूर रास आया। नवोदित प्रतिभाओं ने नृत्य नाटिका की जीवंत प्रस्तुति भी दी।

- कथक के भावों से श्रेया ने मोहा

श्रेया भट्टाचार्य ने कथक की भावपूर्ण प्रस्तुति से मन मोहा। आगाज शक्ति की अधिष्ठात्री की स्तुति से हुआ। तराना के बाद शिव तांडव प्रस्तुत कर गौरवशाली संस्कृति व परंपरा को बखूबी जीवंत किया।

- नवोदित प्रतिभाओं की तारीफ

नवोदित प्रतिभाओं ने भी खूब तालियां बटोरी। मंच पर समृद्धि, निधि, अक्षिता, आशी, तांसी, सिद्धि, संपदा, पार्वती, नंदी, रेनू, चित्रांशी, अदिति, अंकिता व शिवांगी ने गणेश अवतरण की प्रभावपूर्ण प्रस्तुति से श्रोताओं को विभोर कर दिया। ऐश्वर्य, सृष्टि, आयुषी, श्रेयांशी, अंशिका, नीताश्री का नृत्य भी आकर्षक रहा। नई प्रतिभाओं ने बहुत सुंदर अभिनय और नृत्य किया।

- सितार ने छेड़े मन के तार

गंगा तट पर सितार ने दर्शकों के मन के तार झंकृत किए। कलाकार जुगल गिरि ने त्रिताल में राग यमन सधे अंदाज में पेश कर खूब तालियां बटोरी। संगत कलाकार पूजा केशरी ने उनका बखूबी साथ दिया।

- कलाकारों को मिला सम्मान

समापन पर मुख्य अतिथिद्वय श्रृंगेरी मठ के प्रबंधक चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद तथा ख्यात समाजसेवी पं. सतीश चंद्र मिश्र ने कलाकारों को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। संयोजन व संचालन प्रदीप पाठक ने किया। मौके पर मुख्य रूप से पं. राकेश तिवारी, विशाल ओढ़ेकर, सुरभि सोनकर व शांतिभूषण मिश्र आदि मौजूद रहे।

- कैमरे में उत्सव को किया कैद

भारत आनंद-काशी आनंद उत्सव को कैमरे में कैद करने में पूरी तल्लीनता से जुटे रहे देशी-विदेशी पर्यटक। गंगा तट पर घूमने आए सैलानियों ने उत्सव का आनंद लिया। कलाकारों की प्रस्तुतियों को कैमरे में कैद किया और वीडियोग्राफी भी की। उत्सव का भविष्य उज्ज्वल: अन्नपूर्णा

अपने संबोधन में श्रृंगेरी मठ के प्रबंधक पं. अन्नपूर्णा प्रसाद ने भारत आनंद-काशी आनंद उत्सव को सराहते हुए आयोजन के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। बोले, इस उत्सव ने संस्कृति संव‌र्द्धन के साथ नवोदित प्रतिभाओं को मंच दिया है। यह आयोजन सराहनीय : सतीश मिश्र

पं. सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि उत्सव अपने आपमें अनूठा और संपूर्ण भारत की संस्कृति समेटे हुए है। 'दैनिक जागरण' के प्रयास से गंगा तट पर विभिन्न प्रांतों की लोक कला व संस्कृति की अनुपम छटा बिखर रही है। उत्सव से लोगों का जुड़ाव हो रहा है, उनकी सहभागिता बढ़ी है। काशी आनंद में आज

आंध्र प्रदेश की छटा

भारत आनंद-काशी आनंद उत्सव में 26 जून, मंगलवार को राजेंद्र प्रसाद घाट पर सायं 5.30 बजे से आध्र प्रदेश की लोककला व संस्कृति की छटा निखरेगी। कुमारी हंसिका, के. प्रणति, हिमप्रिया के कार्यक्रम संग सिरिशा गायन करेंगी। वैष्णवी, असरिका शास्त्री, वी. शांभवी, सिद्धि शर्मा उत्सव में भाग लेंगी। तबले पर संजय जायसवाल तथा कंनिष्क सिन्हा, आनंद कुमार, सुप्रिया सिंह, गुंजन राय का भरतनाट्यम होगा। दित्या कथक पेश करेंगी। आख्या रस्तोगी का भी नृत्य होगा।


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