Move to Jagran APP

पूर्वांचल में कम होता नदियों का जलस्‍तर दे रहा दुश्‍वारी, ठहरे पानी से संक्रामक रोग की आशंका

पूर्वांचल में इन दिनों नदियों का घट रहा जलस्‍तर लोगों को दुश्‍वारी भी दे रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 10:26 AM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 04:52 PM (IST)
पूर्वांचल में कम होता नदियों का जलस्‍तर दे रहा दुश्‍वारी, ठहरे पानी से संक्रामक रोग की आशंका
पूर्वांचल में कम होता नदियों का जलस्‍तर दे रहा दुश्‍वारी, ठहरे पानी से संक्रामक रोग की आशंका

वाराणसी जेएनएन। पूर्वांचल में लगातार नदियों का घट रहा जलस्‍तर लोगों को दुश्‍वारी भी दे रहा है। सरयू नदी का जलस्‍तर स्थिर होने के साथ ही जहां तटवर्ती इलाकों में कटान कर रहा है वहीं गंगा अपने पीछे कीचड़ और गाद छाेड़ती जा रही हैं। कम होते जलस्‍तर की वजह से लाेगों की आवाजाही प्रभावित तो है ही साथ ही गडढों में रुके पानी की वजह से मच्‍छर और संक्रामक रोग फैलने की भी आशंका बढ़ गई है।

prime article banner

मंगलवार की सुबह केंद्रीय जल आयाेग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बलिया के तुर्तीपार में सरयू का जलस्‍तर 63.25 मीटर पर स्थिर बना हुआ है। सरयू का जिले में यह स्‍तर चेतावनी बिंदु के करीब बना हुआ है। वहीं पूर्वांचल के मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर आैर बलिया जिले में गंगा का जलस्‍तर लगातार कम हो रहा है। हालांकि आगे सरयू नदी का भी जलस्‍तर कम होने की उम्‍मीद बनी हुई है। दूसरी ओर घाट पर गंगा का जलस्‍तर कम होने के बाद छूटे कीचड़ और गाद की सफाई इन दिनों जोर शोर से चल रही है।

वहीं दोपहर में केंद्रीय जल आयोग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार पूर्वांचल में गंगा का रुख घटाव की ओर है। हालांकि इस समय गंगा का जलस्‍तर बलिया जिले में ही चेतावनी बिंदु से ऊपर 57.27 मीटर है। जौनपुर जिले में गोमती नदी का रुख जहां घटाव की ओर है तो वहीं सोनभद्र जिले में सोन नदी और रिहंद बांध का जलस्‍तर बढ़ाव की आेर है। पूर्वांचल में बारिश न होने से आगे नदियों में बढ़ाव की स्थिति न होने की उम्‍मीद है। हालांकि निचले इलाकों में बाढ़ उतरने के बाद से ही फसलों की तबाही नजर आने लगी है। दूसरी ओर हरे चारे का अभाव होने से खेती किसानी के साथ पशु पालन भी प्रभा‍वित हो रहा है। किसानों के सामने निचले इलाके में खेती किसानी भी अब तक पानी भरा होने की वजह से दुश्‍वारी दे रही है।

बलिया में बढ़ रही समस्‍या

जिले के दुबेछपरा क्षेत्र में गंगा नदी में आई बाढ़ धीरे- धीरे कम होने लगी तो साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोगों को लेकर दुश्वारियां छाने लगी हैं। इसकी वजह से गड्ढों और खेतो में सड़ांध शुरु हो गई है। साथ ही अब बीमारियों का दौर भी चालू हो गया है। सबसे ज्यादा सर्दी जुकाम का प्रकोप बढ़ गया है। वही मवेशियों को खुरपका, मुह पका आदि बीमारियां बढ़ने लगी हैं। जिससे ग्रामीण सकते में हैं। जिन किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी चला गया था उस खेतों में सड़ांध शुरू हो गई है और तो और पौधे गिरकर उसी में सड़ने लगे हैं। आलम यह है कि उस रास्ते से आना जाना कठिन हो गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.