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बलिया में भारी बारिश के बाद नदी नाले उफान पर, ग्रामीण अंचलों में बढ़ी दुश्‍वारी Balia news

वर्षों बाद झमाझम लगातार सप्‍ताह भर बारिश के बाद दुश्‍वारियों ने सिर उठा लिया है। जिसकी वजह से खेती किसानी ही नहीं आवागमन में भी काफी बाधा आ गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 02:41 PM (IST)
बलिया में भारी बारिश के बाद नदी नाले उफान पर, ग्रामीण अंचलों में बढ़ी दुश्‍वारी Balia news
बलिया में भारी बारिश के बाद नदी नाले उफान पर, ग्रामीण अंचलों में बढ़ी दुश्‍वारी Balia news

बलिया, जेएनएन। जिले में वर्षों बाद झमाझम लगातार सप्‍ताह भर बारिश के बाद दुश्‍वारियों ने सिर उठा लिया है। जिसकी वजह से खेती किसानी ही नहीं आवागमन में भी काफी बाधा आ गई है। सुखपुरा क्षेत्र के ग्राम सभा कुर्थिया के समीप गड़ारी नाले पर गांव को जाने वाले संपर्क मार्ग पर बनी वर्षों पुरानी पुलिया पानी के तेज बहाव के चलते रविवार की रात बह गयी। जिसके चलते ग्राम वासियों का मुख्य सड़क पर जाने का रास्ता बंद हो गया। ग्राम वासियों को इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार की रात लगभग आठ बजे के करीब गांव में आए एक रिश्तेदार की बाइक के पुलिया में गिर जाने से बाइक सवार को काफी चोटें आई जबकि बाइक को गांव के लोगों द्वारा सोमवार की सुबह कड़ी मशक्कत के बाद निकाला जा सका।

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पूर्व जिला पंचायत सदस्य बृजनाथ सिंह ने बताया कि सड़क के निर्माण के लिए शासन द्वारा पैसा स्वीकृत कर दिया गया है इसका टेंडर भी हो चुका है लेकिन अचानक हुए जबरदस्त बरसात की वजह से आसन, पचखोरा, शेरवा, भरखरा, सुल्तानपुर समेत दर्जनों ग्राम सभा के खेतों व नालों का पानी इसी रास्ते से होकर गुजरने के कारण पानी के तेज दबाव की वजह से पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। इस कारण आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव के गुड्डू सिंह ने बताया कि यह रास्ता बहुत पहले का बना हुआ है। गांव के लोग सुखपुरा या जिला मुख्यालय जाने के लिए इसी रास्ते का प्रयोग करते हैं। पुलिया के क्षतिग्रस्त हो जाने से गांव के लोगों को घूमकर जाना पड़ रहा है। लोगों ने मांग किया कि पुलिया का जल्द से जल्द निर्माण होना चाहिए। विजय सिंह ने कहा कि इस रास्ते से लोगों को सुखपुरा या अन्य कहीं जाने के लिए कम दूरी तय करनी पड़ती है लेकिन पुलिया के टूट जाने से आम जनमानस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पप्पू सिंह ने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि इस सड़क से ही गांव के बड़े-बुजुर्ग, बहन-बेटियां और पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी सुखपुरा सहित जनपद के विभिन्न विद्यालयों में जाते थे। पुलिया के टूट जाने की वजह से छात्र-छात्राओं और खासकर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

डूब गई फसल, सड़क पर चलने लगी नाव

धान का कटोरा कहे जाने वाले चिलकहर ब्लाक के नहर क्षेत्र के गांवों में लगातार हुई बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। लगभग हर गांव के किसानों की काफी फसलें डूब गयी हैं तो जिनके खेतों मे धान की रोपाई नहीं हुई है। उनकी धान की बेहन (बीज) पानी में डूबकर बर्बाद हो रहे हैं। तो गोपालपुर, हजौली, रौसिंहपुर की तरफ छोटी नावों का सहारा ग्रामीणों ने प्रशासन की मदद से ले रखा है। ग्रामीण अंचल के बडे बुजुर्गों का कहना है कि आज से लगभग पचहत्तर वर्ष पूर्व ऐसी ही बाढ़ ग्राम सभाओं में आयी थी। उस समय गांव में भी लोग कूडे की नाव बना कर घर से बाहर निकलते थे। पूरे गांव की कृषक भूमि सहित गांव की गलियां भी जलमग्न हो गयी थीं।

अब हालात यह है कि पान्डेयपुर, बसनवार, छिब्बी, बहोरापुर, पिपरा, चौबेपुर, असनवार, बसनवार, रघुनाथपुर, आलमपुर, कुकुरहां समेत ग्रामीण अंचलों में  बारिश खत्‍म होने के बाद खेत जलमग्न हैं। जिनमें किसानों की फसलें डूब गयी हैं तो जिनके धान की रोपाई नहीं हुई है उनके बीज पानी लगने से खराब हो गये हैं। किसानों के समक्ष विकट समस्या हो गयी है। बैंको से खेती किसानी के पैसे लेकर धान की खेती करने वाले किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। कुछ फसलें डूब गयी हैं तो खाली पड़े खेत तालाबनुमा हो गये हैं जिनमे धान की खेती करना इस वर्ष मुमकिन नहीं दिख रहा है।


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