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गंगा में रफ्तार हुई धीमी लेकिन लोग सांसत में, मामूली बढ़ाव का रुख

बाढ़ वाले इलाकों में बिजली काटने से लोग अंधेरे में हैं ही सामान खुले में छतों पर होने से चोरी का भय सता रहा है वहीं राहत के अभाव में दूषित पानी ही नसीब हो रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 11:46 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 11:46 AM (IST)
गंगा में रफ्तार हुई धीमी लेकिन लोग सांसत में, मामूली बढ़ाव का रुख
गंगा में रफ्तार हुई धीमी लेकिन लोग सांसत में, मामूली बढ़ाव का रुख

वाराणसी । चार दिनों से गंगा व वरुणा तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों की धड़कनें बढ़ाने के बाद बुधवार को राहत के संकेत मिलने लगे। हालांकि गुरुवार की सुबह भी गंगा का रुख मामूली तौर पर बढ़ाव का रहा। इससे पूर्व बुधवार को इलाहाबाद में गंगा के घटान की ओर जाने से जल स्तर वृद्धि की रफ्तार कम हो गई। गंगा का जल स्तर १२ घंटे में १८ सेमी बढ़ कर सुबह आठ बजे तक ७०.१८ मीटर पर जा पहुंचा। यह मंगलवार शाम तक ७०.०१० मीटर था। फिलहाल जल स्तर चेतावनी बिंदु से आठ सेमी नीचे है लेकिन इलाहाबाद से निकल चुके जल के कारण मीरजापुर में बढ़ान का ट्रेंड देखते हुए अभी इसका थोड़ा असर बनारस में भी आ सकता है। 

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बाढ़ क्षेत्रों में सांसत बरकरार 

फिलहाल गंगा व वरुणा तटवर्ती इलाकों में स्थिति दुरूह है। सामने घाट नाले से पानी घुसने के कारण मारुति नगर में बने सैकड़ों मकान पानी से पूरी तरह घिर गए हैं। इनमें रह रहे लोगों ने सुबह से सामान उपरी तल पर रखने के बाद दूसरा ठौर तलाशना शुरू कर दिया। वहीं नगवा नाले से पानी घुसने के कारण नाले के किनारे कटान भी शुरू हो गई है। वरुणा तटवर्तीय शैलपुत्री, पुलकोहना समेत विभिन्न इलाकों में भी लोग सांसत में हैं। 

घुप अंधेरा, इलाके बेपानी 

बाढ़ वाले इलाकों में बिजली काट दिए जाने से लोग अंधेरे में तो हैं ही सामान खुले में छतों पर होने से चोरी का भी भय सता रहा है। वहीं दूषित लोगों को पीने के पानी तक के लिए तरसना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से मुस्तैदी के लाख दावे के बाद भी दुश्वारियों से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। 


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