पूर्वांचल में गंगा के बाद अब घाघरा का बढ़ा जलस्तर, कटान तेज होने से तटवर्ती इलाकों में मची दहशत Varanasi news
पूर्वांचल में लगातार बारिश और पहाड़ाें से नदियों के रास्ते आ रहा पानी अक्टूबर माह की शुरुआत के बाद अब भी दुश्वारी कम करने के मूड में नहीं है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में लगातार बारिश और पहाड़ाें से नदियों के रास्ते आ रहा पानी अक्टूबर माह की शुरुआत के बाद अब भी दुश्वारी कम करने के मूड में नहीं है। चौबीस घंटों से घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद से तटवर्ती इलाकों में कटान तेज हो गई है जिससे ग्रामीणों में दहशत की स्थिति है। दूसरी आेर वाराणसी में गंगा अपने पीछे गाद और कीचड़ छोड़ती जा रही हैं जिसकी वजह से घाटों पर फिसलन और दुर्गंध की स्थिति बनी हुई है जबकि गाजीपुर में गंगा चेतावनी बिंदु के करीब और बलिया जिले में गंगा खतरा बिंदु से ऊपर बह रही हैं। ऐसे में बलिया और गाजीपुर जिले में गंगा की दुश्वारी जस की तस है।
बलिया जिले में गंगा खतरा बिंदु से ऊपर 58.77 मीटर पर बह रही है जबकि खतरा बिंदु 57.61 मीटर और चेतावनी बिंदु 56.61 पर है। वहीं गाजीपुर जिले में वर्तमान में 62.73 मीटर जलस्तर है जबकि खतरा बिंदु 63.10 मीटर और चेतावनी बिंदु 62.10 मीटर पर है। इस लिहाज से बलिया जिले में गंगा खतरा बिंदु से ऊपर और और गाजीपुर जिले में चेतावनी बिंदु से ऊपर है।
दूसरी ओर आजमगढ़ में सगड़ी तहसील के देवरांचल से होकर गुजरने वाली घाघरा के जलस्तर में पिछले तीन दिनों से बढ़ोत्तरी का क्रम जारी है। बदरहुआ नाला गेज पर घाघरा नदी लाल निशान से मात्र आठ सेमी नीचे बह रही है। पिछले 16 घंटे में नदी के जलस्तर में दो सेमी की वृद्धि दर्ज की गई। डिघिया नाला गेज पर घाघरा का जलस्तर 70.09 मीटर पर रिकॉर्ड किया गया। घाघरा में पानी गांवों में प्रवेश कर गया है। गांव में जाने वाले मार्ग जलमग्न हो गए हैं। लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं। वहीं देवारा खास राजा के मुरली का पूरा, लालधर का पूरा, बगहवा, महाराजी का पूरा, जयराम का पूरा व जगधर का पुरा आदि समीपवर्ती गांव के पास घाघरा नदी कटान कर रही है।
घाघरा के अलावा आजमगढ़ में तमसा नदी के तटवर्ती इलाके भी जलमग्न हैं। जबकि गंगा के तटवर्ती इलाकों के डूबा होने की वजह से खेतों में फसल चौपट हो चुकी है और बाढ़ की वजह से पशुओं को हरा चारा नहीं मिल पा रहा है। अमूमन बाढ़ की वजह से माह भर से पूर्वांचल के किसान और तटवर्ती लोग परेशानी झेल रहे हैं जबकि बलिया में रिंग बंधे पर डेरा डाले लोगों के सामने अब घर लौटने की जल्दबाजी के बीच भुखमरी तक की नौबत आ गई है। जबकि नमी की वजह से कच्चे घरों के गिरने का सिलसिला पूर्ववत जारी है।