Flood in Varanasi : बलिया और गाजीपुर में बाढ़ से बढ़ी दुश्वारी, वाराणसी में कई निचले इलाके प्रभावित
सप्ताह भर से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर अब भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मध्य प्रदेश से पानी चंबल में छोडे जाने के बाद से ही गंगा के रास्ते अब पूर्वांचल में तबाही मचा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। सप्ताह भर से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर अब भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार मध्य प्रदेश से पानी चंबल में छोडे जाने के बाद से ही गंगा के रास्ते अब पूर्वांचल में तबाही मचा रहा है। हालांकि मप्र के भिंड में चंबल नदी में पानी में कमी आई है उससे उम्मीद जगी है कि एक दो दिनों में गंगा में भी उफान कम होगा। हालांकि तब तक पूर्वांचल में स्थितियां बदतर बनी रहेंगी।
पूर्वांचल के तटवर्ती इलाकों में जहां बाढ़ की वजह से लोग पलायन कर रहे हैं, वहीं शुक्रवार को गंगा की बाढ़ में कई नए इलाके भी जद में आ गए। बाढ़ से गंगा किनारे के इलाकों से अधिक पलट प्रवाह की वजह से वरुणा और असि नदी के किनारे रहने वालों की दुश्वारी बढ़ी है। गलियों में नाव चलने से अब शहर की एक बड़ी आबादी भी बाढ़ की वजह से अपना घर छोड़ने को विवश हो चुकी है।
वहीं शुक्रवार काे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर 3.50 बजे गाजीपुर जिले से बाढ़ का जायजा लेने के बाद बीएचयू परिसर के हेलीपैड पर उतरेगा। यहां से मुख्यमंत्री सीधे अस्सी घाट जाएंगे, अस्सी घाट से बोट के जरिये बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। इस दौरान उनके साथ एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद रहेगी। वहीं अस्सी घाट पर बाढ़ का जायजा लेने के बाद वे वापस गोयनका भवन भी जाएंगे।
बाढ़ से लगातार खतरा बरकरार
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार प्रयागराज में प्रतिघंटे 2 सेमी की गति से गंगा में बढ़ाव हो रहा है। वहीं सुबह आठ बजे वाराणसी में प्रतिघंटे 1 सेमी की गति के साथ गंगा का जलस्तर 71.63 मीटर तक पहुंच चुका है जो खतरे के निशान से करीब एक फीट तक अधिक है। दूसरी ओर गंगा में पलट प्रवाह की वजह से वरुणा, असि और गोमती आदि नदियों में भी उफान की स्थिति हो चुकी है। वहीं प्रशासन भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत सामग्री बांटने के लिए सक्रिय हो चुकी है।
पूर्वांचल में लगातार बढ़ रही चिंता
सर्वाधिक दिक्कत बलिया जिले में है जहां गंगा नदी दुबे छपरा रिंग बंधा तोड़कर करीब 125 गांवों में तबाही मचा रही हैं। वहीं लगातार बाढ़ की वजह से गंगा नदी से तटवर्ती इलाकों में दिन प्रतिदिन दुश्वारी बढ़ती जा रही है। जबकि गाजीपुर में भी बाढ़ ने कई अन्य निचले इलाकों में अपनी दस्तक दे दी है। लगातार जलस्तर में बढोतरी होने से नए इलाकों में दुश्वारी बढ़ती जा रही है। शुक्रवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गाजीपुर जिले में बाढ़ का जायजा लेने पहुंच रहे हैं। इससे पूर्व वह बलिया जिले में बाढ़ का जायजा ले चुके हैं।
जिला |
खतरा | चेतावनी | वर्तमान | रुख |
मीरजापुर | 77.72 | 76.724 | 77.67 | बढ़ाव |
वाराणसी | 71.26 | 70.26 | 71.62 | बढ़ाव |
गाजीपुर | 63.10 | 62.10 | 64.26 | बढ़ाव |
बलिया | 57.61 | 56.61 | 59.75 | बढ़ाव |
आफत अभी और बाकी है
पूर्वांचल में वाराणसी, गाजीपुर और बलिया जिले में गंगा खतरा बिंदु से तीन दिनों से ऊपर ही चल रही हैं। जबकि मीरजापुर जिले में महज पांच सेंटीमीटर ही गंगा खतरे के निशान से दूर हैं जबकि चेतावनी बिंदु काफी पहले ही गंगा पार कर चुकी हैं। फाफामऊ और प्रयागराज में गंगा दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की गति से बढ़ रही हैं। जिसके हिसाब से मीरजापुर जिले में भी दोपहर तक गंगा खतरा बिंदु पार कर लेंगी। वहीं वाराणसी में गंगा का पानी दूसरे इलाकों में फैलने की वजह से जलस्तर में बढ़ाव मात्र एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा है। अगर यही रुख बना रहा तो अगले 48 घंटों मं गंगा 72 मीटर का स्तर भी पार लेंगी। वहीं गाजीपुर और बलिया में लगातार नए इलाकों में जलभराव से तटवर्ती इलाकों में चिंता बढ़ती ही जा रही है।