वाराणसी में गंगा नदी चेतावनी बिंदु के पार, तटवर्ती इलाकों में शुरू हुआ लोगों का पलायन Varanasi news
वाराणसी में गंगा चेतावनी बिंदु से महज एक मीटर ही दूर हैं काशी में गंगा एक बार फिर से उग्र होने लगीं हैं।
वाराणसी, जेएनएन। इस सीजन में पहली बार गंगा ने वाराणसी में चेतावनी बिंदु पार कर आबादी की ओर रूख कर लिया है। रविवार की दोपहर चेतावनी बिंदु पाकर करते हुए गंगा खतरे के निशान की ओर बढ़ चली हैं। वे उससे आधा मीटर ही दूर हैं। इसके कारण गंगा एवं वरुणा किनारे के निचले हिस्सों में बसे लोगों में दहशत बढ़ गई है। सामने घाट क्षेत्र में मारुति नगर कालोनी में गंगा का पानी घुसने से लोग सामान समेट कर सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं। कई गांवों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न हैं। प्रशासन ने इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। घाटों से पहले ही पर्यटकों को लौटाया जा रहा है। दुकानें भी हटा दी गई हैं और नौकायन बंद करा दिया गया है। रविवार की शाम छह बजे गंगा प्रति घंटे दो सेमी की रफ्तार से बढ़कर 70.42 मीटर पर पहुंच गई थीं। अगर यही रफ्तार रही तो सोमवार को वाराणसी में गंगा खतरे का निशान पार कर सकती हैं। वैसे गाजीपुर व बलिया में जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है।
पानी के बढ़ाव को देखते हुए प्रशासन ने घाटों पर चेतावनी जारी कर स्नानार्थियों एवं श्रद्धालुओं को सतर्क कर दिया है। वाराणसी में गंगा घाटों पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही नौकायन भी बंद कर दिया गया है। सुरक्षा कारणों से घाट किनारे दुकानों को भी हटा दिया गया है। जबकि शवदाह भी अब गलियों में होने लगा है। गंगा एवं वरुणा के निचले हिस्सों के कई घरों में पानी घुसने लगा है। लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने की तैयारी भी करने लगे हैं। फाफामऊ और प्रयागराज में गंगा का जलस्तर अभी और बढ़ रहा है लिहाजा अगले चौबीस घंटों तक कम से कम जलस्तर में बढाव जारी रहेगा।
गुरुवार को गंगा काफी तेजी से बढ़ीं। प्रति घंटे छह सेमी की रफ्तार से शाम सात बजे तक जलस्तर 67.72 मीटर तक तक पहुंच गया था, जबकि सुबह में यह आंकड़ा 66.84 मीटर ही था। इसके बाद शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक बढ़ कर यह आंकड़ा 68.64 मीटर हो गया। वहीं शाम छह बजे तक गंगा 69 मीटर के ऊपर बहते हुए 69.06 मीटर पर आ गईं। रफ्तार प्रति घंटे तीन और पांच के आसपास रही। इसके कारण सामनेघाट पुराना पुल, सरैया शैल पुत्री, नखी घाट आदि इलाकों में पानी घुस गया था। नदी किनारे कालोनियों में बसे लोगों की धुकधुकी भी बढ़ गई है। प्रशासन की ओर से चेतावनी भी जारी कर दी गई है। घाटों पर दुकानें भी हटा ली गई है। गंगा शहजापुर, फाफामऊ, प्रयागराज, सीतामढ़ी, मीरजापुर, गाजीपुर एवं बलिया तक बढ़ रही हैं। बलिया में गंगा खतरे के निशान को पार गईं हैं।
ढाब में बढ़ा बाढ़ का खतरा
उफनती गंगा के बेग से ढाब के किसानों की बेचैनी बढऩे लगी है। बीते पखवाड़े किसानों की हरी सब्जियां नेनुआ, परवल, भिंडी, साग, हरा चारा आदि पानी में डूब गई थी। पानी हटने के बाद खाली पड़े खेतों में किसानों ने फिर से गोभी, बैंगन, पालक की खेती शुरू कर दी थी। इसी बीच गुरुवार से गंगा में फिर से बढ़ाव शुरू हो गया। ढाब रेता से लगायत रामपुर, रामचंदीपुर, गोबरहा, मोकलपुर में कटान भी शुरू हो गया है। ढाब निवासी दयाराम सोनकर, पतियार राम, सूरजु निषाद लालजी, राहूल, फूलबहार आदि का कहना है कि तातेपुर, सरायमोहाना, सिहवार, जो तटवर्ती इलाका है वहा आपदा राहत सामग्री बाटी गई। पूरा ढाब चौतरफा बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। यहां आपदा राहत सामग्री अभी तक नहीं पहुंची। इस दोहरे रवैया से ग्रामीणों में गुस्सा है।
सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
शनिवार रात को मारुति नगर कॉलोनी के अंतिम छोर पर पानी घुसना शुरू हो गया था। इसके अलावा धौरहरा, भगवानपुर, मठिया, टेकुरी, राजवारी, बर्थरा खुर्द और अजांव गांव में सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। रमना गांव में भी 40 एकड़ से अधिक फसल डूब गई है।
बाढ़ के कैदी बन गए लोग
सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मवेशियों के लिए भी संकट खड़ा हो गया है। पानी भरने से घरों में लोग कैद हो गए हैं। सामने घाट पुराना पुल, सरैया शैल पुत्री और नखी घाट आदि इलाकों में पानी घुसने से परेशानी बढ़ गई। चौबेपुर का पिपरी गांव चतुर्दिक पानी से घिर गया है, जिसके कारण आवागमन भी बाधित है। गांव का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
बलिया और गाजीपुर में बढ़ी चिंता
पूर्वांचल में बलिया जिले में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं वहीं गाजीपुर जिले में गंगा चेतावनी बिंदु से ऊपर बह रही हैं। गंगा में बढाव का यही रुख बना रहा तो आने वाले चौबीस घंटों में गाजीपुर में भी गंगा खतरा बिंदु पार कर जाएंगी। दूसरी ओर गंगा में बढाव से बलिया जिले के कई तटवर्ती इलाके बाढ में डूबने लगे हैं। वहीं दुबे छपरा रिंग बंधे पर भी दबाव बनने लगा है। ऐसे में बंधे के करीब के गांवों में भी चिंता बढ़ गई है। जबकि कई निचले इलाकों में पानी भरने से खेत दोबारा डूब गए हैं। वहीं बलिया जिले के बैरिया में केहरपुर गांव पर गंगा का खतरा बढ़ गया है। यहां मौजूद पानी टंकी भी देखते-देखते गंगा की लहरों में विलीन हो गया। कटान को देखते हुए गांव में अफरा-तफरी का माहौल है।
जिला |
खतरा | चेतावनी | वर्तमान | रुख |
मीरजापुर | 77.72 | 76.724 | 76.09 | बढ़ाव |
वाराणसी | 71.26 | 70.26 | 70.32 | बढ़ाव |
गाजीपुर | 63.10 | 62.10 | 63.17 | बढ़ाव |
बलिया | 57.61 | 56.61 | 58.75 | बढ़ाव |