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बलिया में गंगा नदी में कटान और तेज, दुबेछपरा रिंगबंधे का तीन चौथाई हिस्सा गंगा में समाया Ballia news

गंगा का रौद्र रूप पिछले दिनों से कायम रहने के कारण दुबेछपरा गोपालपुर उदईछपरा के हजारों की आबादी संकट में आ गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 01:18 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 01:18 PM (IST)
बलिया में गंगा नदी में कटान और तेज, दुबेछपरा रिंगबंधे का तीन चौथाई हिस्सा गंगा में समाया Ballia news
बलिया में गंगा नदी में कटान और तेज, दुबेछपरा रिंगबंधे का तीन चौथाई हिस्सा गंगा में समाया Ballia news

बलिया, जेएनएन। गंगा का रौद्र रूप पिछले दिनों से कायम रहने के कारण दुबेछपरा, गोपालपुर, उदईछपरा के हजारों की आबादी संकट में आ गई है। लोग अब यह कहने लगे हैं कि कोई करिश्मा ही रिंगबन्धा को बचा सकता है। उल्लेखनीय है कि 29 करोड़ की लागत से बने रिंगबन्धा का सत्तर प्रतिशत हिस्सा गंगा में समा चुका है जिस तरह से कटान हो रहा है लगता है सोमवार की देर रात तक रिंगबधे का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। मौके से बाढ़ विभाग के अवर अभियंता, सहायक अभियंता व बाढ़ विभाग के अन्य मुलाजिम स्थानीय लोगों के आक्रोश को देख कर मौके से खिसक गए।

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इस बीच रिंगबधे को गंगा में समाते देख दुबेछपरा, गोपालपुर व उदईछपरा के लोग घर गृहस्थी का सामान समेट कर सुरक्षित स्थानों तक जाने की तैयारी शुरू कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि 29 करोड़ के इस रिंगबधे को बचाने के नाम पर बाढ़ विभाग द्वारा अबतक 12 करोड़ रुपए खर्च दिखा दिए गए हैं यानी उक्‍त तीनों गांवों को बचाने के लिए 41 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए लेकिन समस्या जस की तस है। अगर पक्का घाट बना होता तब भी 41 करोड़ रुपए खर्च नही हुआ होता और कटान का स्थायी समाधान हो गया होता।

वहीं दूसरी ओर केहरपुर व चौबे छपरा में भी कटान जारी है लगभग पूरा गांव अपना घर गृहस्थी का सामान लेकर पलायन कर गया है। दर्जन भर से अधिक घर पिछले 48 घंटों में गंगा में समा चुके हैं वही शेष घरों को लोग उजाड़ने में लगे हैं। पानी टंकी, जच्चा बच्चा केंद्र, उच्च प्राथमिक विद्यालय गंगा में समा चुके हैं वही हरेराम ब्रह्मचारी का आश्रम गंगा में समाने के कगार पर है। गंगा उस पार, नौरंगा, चक्की नौरंगा व भुवलछपरा आदि गांवों के सामने गंगा का कटान और तेजी से हो रहा है। इसी तरह अगर कटान जारी रहा तो गंगा पार के इन गांवों का अस्तित्व समाप्त होने की आशंका प्रबल हो जाएगी। भुवालछपरा गांव में गंगा के बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो गया है लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से नौका आदि की व्यवस्था नही किया गया है।


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