Move to Jagran APP

परिषदीय विद्यालय : फर्जी डिग्री वाले पांच शिक्षक बर्खास्त, प्राथमिकी संग वेतन वसूली भी होगी

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फर्जीवाड़ा करने वाले पांच अध्यापकों की सेवा मंगलवार को समाप्त कर दी। इन अध्यापकों ने फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 09:17 PM (IST)
परिषदीय विद्यालय : फर्जी डिग्री वाले पांच शिक्षक बर्खास्त, प्राथमिकी संग वेतन वसूली भी होगी
परिषदीय विद्यालय : फर्जी डिग्री वाले पांच शिक्षक बर्खास्त, प्राथमिकी संग वेतन वसूली भी होगी

वाराणसी, जेएनएन। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फर्जीवाड़ा करने वाले पांच अध्यापकों की सेवा मंगलवार को समाप्त कर दी। इन अध्यापकों ने फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की थी। एसआइटी की जांच में इसकी पोल खुल गई। इसे देखते हुए संबंधित अध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ नियुक्ति तिथि से अब तक किए गए वेतन भुगतान की वसूली का निर्णय लिया गया है। बीएसए राकेश सिंह ने बेसिक शिक्षा के वित्त व लेखाधिकारी से वेतन आदि मदों पर किए गए भुगतान का विवरण मांगा है।

loksabha election banner

शासन ने परिषदीय विद्यालयों नियुक्त अध्यापकों की उपाधियों जांच करने का जिम्मा विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) सौंपा था। इस क्रम में एसआइटी ने डा. भीमराव आंबेडकर विवि (आगरा) से बीएड करने वाले अध्यापकों की जांच पूरी की। जांच में फर्जी डिग्री वाले अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसआइटी ने शासन को पत्र लिखा था। इसके तहत गत दिनों विभिन्न जिलों में फर्जी डिग्रीधारक अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। इसमें चार अध्यापक अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत सोनभद्र में तैनात थे। सोनभद्र बीएसए द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद इन अध्यापकों ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी और स्टे पर पुन: नौकरी करने बनारस आ गए। स्टे खारिज होने के बाद वाराणसी के बीएसए ने पांचों अध्यापकों की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी। बीएसए ने बताया कि एसआइटी द्वारा जांच में पांचों अध्यापकों की बीएड की उपाधि फर्जी मिली। इन अध्यापकों ने डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के नाम की फर्जी डिग्री लगाई थी।

700 और अध्यापकों की नौकरी खतरे में

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से डिग्रीधारी अध्यापकों की जांच एसआइटी कर रही है। शासन के निर्देश पर 75 जिलों में से 53 के परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के अंकपत्रों और प्रमाणपत्रों का भी एसआइटी सत्यापन कर चुकी है। इन जिलों में करीब 600 अध्यापकों की उपाधि जाली मिली है। 22 जिलों का सत्यापन लंबित है। ऐसे में करीब 700 अध्यापकों की नौकरी खतरे में होने की आशंका जताई जा रही है।

इन अध्यापकों की सेवा हुई समाप्त

01- ममता सिंह, प्राथमिक विद्यालय (सिरिहिरा-सेवापुरी ब्लाक) 

2- किरन लता सिंह प्राथमिक विद्यालय (बनपुरवा-काशी विद्यापीठ ब्लाक)

3-रेनू सिंह प्राथमिक विद्यालय  (राखी-आराजीलाइन ब्लाक)

4-अर्चना पांडेय प्राथमिक विद्यालय (कल्लीपुर-आराजीलाइन ब्लाक)

05- सरिता वर्मा प्राथमिक विद्यालय  (दल्लूपुर-बड़ागांव)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.