वाराणसी में पुलिस बनकर चेकिंग के बहाने उड़ा दिए पांच लाख रुपये, बिहार के आभूषण कारोबारी के साथ घटित हुई घटना
मछोदरी पार्क के पास खुद को पुलिस बताकर दो उचक्कों ने रविवार को बिहार के बक्सर से आए आभूषण कारोबारी की चेकिंग की इस बहाने उनके बैग से सरेराह 5.10 लाख रुपये ले उड़े। पीड़ित कारोबारी की तहरीर के आधार पर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। मछोदरी पार्क के पास खुद को पुलिस बताकर दो उचक्कों ने रविवार को बिहार के बक्सर से आए आभूषण कारोबारी की चेकिंग की, इस बहाने उनके बैग से सरेराह 5.10 लाख रुपये ले उड़े। पीड़ित कारोबारी की तहरीर के आधार पर कोतवाली थाने में अज्ञात उचक्कों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल दोनों उचक्कों का पुलिस पता नहीं लगा सकी है।
बिहार के बक्सर निवासी आभूषण कारोबारी राजेंद्र कुमार वर्मा के अनुसार वह 16 जुलाई को चांदी के जेवर खरीदने वाराणसी आए थे। उनके बैग में उनका 1.80 लाख रुपये, उनके बेटे रंजन का 1.80 लाख व रिश्तेदार देवदीप का 1.50 लाख मिलाकर कुल 5.10 लाख रुपये थे। वे मछोदरी पार्क के पास अपने वाहन से उतरे और रिक्शे में बैठने लगे। इसी बीच करीब 40 वर्षीय हट्टा-कट्टा युवक उनके पास आया। उसने कहा, सामने बाइक पर साहब बैठे हैं, चलो बुला रहे हैं। तथाकथित साहब के पास जाने पर उसने युवक को उनका बैग चेक करने को कहा। इसके बाद तथाकथित साहब उनसे पूछा कि शराब पी रखी है क्या, अपना मुंह सुंघाओ। युवक और उसका साहब दोनों उन्हें अपनी बातों में उलझा कर उनका बैग चेक करते रहे। इसके बाद दोनों ने उन्हें बैग थमाया और बाइक स्टार्ट कर चल दिए। उन्होंने अपना बैग चेक किया तो उसमें रखे 5.10 लाख रुपये गायब थे। जब तक वे शोर मचाते या किसी से मदद मांगते तब तक बाइक सवार उचक्के उनकी आंखों से ओझल हो गए। काफी देर तक उन्हें समझ ही नहीं आया कि वह क्या करें। इसके बाद वह पुलिस से मदद मांगने के लिए कोतवाली थाने गए और घटना के संबंध में तहरीर दी।
कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। घटनास्थल और उसके आसपास के रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक कर उचक्कों को चिह्नित करने का प्रयास किया जा रहा है। गौरतलब है कि वाराणसी के कोतवाली और चौक थाना क्षेत्र में बाहर से खरीदारी के लिए आने वाले आभूषण कारोबारियों और अन्य व्यापारियों से चेकिंग के नाम पर पहले भी उचक्कागिरी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। बावजूद इसके उचक्कों के इस नेटवर्क पर अंकुश लगा पाने में पुलिस को कामयाबी नहीं मिल पाई है।