Private Vehicles का फिटनेस गलत, पूर्व परिवहन मंत्री व एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने परिवहन विभाग को खड़ा किया कटघरे में
पूर्व परिवहन मंत्री और सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने परिवहन विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। परिवहन अधिकारी जबर्दस्ती प्राइवेट वाहनों का फिटनेस कर रहे हैं जबकि व्यावसायिक वाहनों के लिए यह आदेश है। वाहन स्वामियों पर दबाव बनाकर प्रपत्रों को दुरुस्त कराने को कहा जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्व परिवहन मंत्री और सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने परिवहन विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। परिवहन अधिकारी जबर्दस्ती प्राइवेट वाहनों का फिटनेस कर रहे हैं जबकि व्यावसायिक वाहनों के लिए यह आदेश है। प्राइवेट वाहनों का फिटनेस कराने के लिए दबाव बनाने पर पूर्व परिवहन मंत्री ने प्रमुख सचिव परिवहन राजेश कुमार सिंह और परिवहन आयुक्त धीरज साहू को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। कोरोना संक्रमण के चलते 31 मार्च तक वाहनों के सभी प्रपत्रों को वैध कर दिया गया है, फिर भी वाहन स्वामियों पर दबाव बनाकर प्रपत्रों को दुरुस्त कराने को कहा जा रहा है। उन्हें नोटिस तक जारी की जा रही है।
पूर्व परिवहन मंत्री का कहना है कि अधिनियम की धारा 56 (1) के तहत सिर्फ व्यावसायिक वाहनों का फिटनेस हर वर्ष जरूरी है। वहीं, सात सीटर प्राइवेट वाहनों का परिवहन विभाग जबर्दस्ती फिटनेस कराने का दबाव बना रहा है। जैसे-इनोवा, स्कार्पियो समेत अन्य वाहन। 12 दिसंबर-2005 के परिवहन आयुक्त के आदेश पर विभागीय अधिकारी फिटनेस फीस रहे हैं जो पूरी तरह से गलत है। जबकि प्राइवेट वाहनों के फिटनेस को लेकर कोई फैसला राज्य सरकार की ओर से नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि सात जुलाई-2020 को प्रमुख सचिव परिवहन और आरटीओ को पत्र लिखकर जवाब मांगा था, फिर पत्र भेजा गया है। कहा कि मोटरयान अधिनियम 1988 व 1989 के तहत सभी वाहनों के फिटनेस, परमिट, बकाया टैक्स और ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता 31 मार्च तक कर दिया गया है। सड़क पर वाहन नहीं चलने से लोगों की माली हालत बिगड़ चुकी है, फिर भी उनके ऊपर अनायास दबाव बनाया जा रहा है।