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पूर्वांचल से पहली बार बिना मेहरम महिलाएं हज के सफर पर एयरपोर्ट से रवाना Varanasi news

गाजीपुर की चार महिलाओं ने शनिवार को काशी से काबा की उड़ान भरी।

By Edited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 01:33 AM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 09:52 AM (IST)
पूर्वांचल से पहली बार बिना मेहरम महिलाएं हज के सफर पर एयरपोर्ट से रवाना Varanasi news
पूर्वांचल से पहली बार बिना मेहरम महिलाएं हज के सफर पर एयरपोर्ट से रवाना Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। गाजीपुर की चार महिलाओं ने शनिवार को काशी से काबा की उड़ान भरी। पिछले साल ही भारत सरकार ने 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए मेहरम की बाध्यता खत्म की थी। इसके बाद यह पहला मौका है जब पूर्वाचल से महिलाएं बिना मेहरम हज सफर पर रवाना हुई। सेंट्रल हज कमेटी को बिना मेहरम हज सफर के लिए प्रदेश से कुल 99 आवेदन मिले थे, जिनमें से अधिकतर पश्चिम उत्तर व लखनऊ से थे। वहीं वाराणसी इंबार्केशन केंद्र से संबद्ध 16 जिलों से मात्र चार ही आवेदन थे और चारों गाजीपुर से ही थे।

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शमसुन्निशा (68), हदीसुन्निशा (68), नमजा खातून (70) व आसमा बेगम (63) ने हज सफर पर रवाना होने से पहले सरकार का शुक्रिया अदा किया। बताया कि इस बदलाव का फायदा अन्य महिलाओं को भी होगा, जो मेहरम की अनिवार्यता के चलते आर्थिक संपन्नता के बाद भी हज से वंचित रह जाती थीं। पवित्र शहर मक्का और मदीना में मुल्क में सकारात्मक बदलाव के साथ तरक्की और सौहा‌र्द्र की दुआएं करेंगी।

क्या है मेहरम : पिछले वर्ष नई हज नीति के तहत 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं के हज पर जाने के लिए 'मेहरम' होने की पाबंदी हटा ली गई थी। मेहरम यानी खून के रिश्ते वाला शख्स जिससे इस्लामी व्यवस्था के मुताबिक महिला की शादी नहीं हो सकती यानी पिता, पुत्र या भाई। मौलाना हारून रशीद भी हज पर रवाना - बाबतपुर एयरपोर्ट से शनिवार दो फ्लाइट से कुल 298 हज यात्रियों ने जेद्दा की उड़ान भरी। इनमें पांच खादिम-उल-हुज्जाज (हज खिदमतगार) मोहम्मद इमरान, अली अफजल, साजिद खान, खुर्शीद अहमद खान व निशात परवीन भी शामिल रहे। इसके अलावा शहर के जाने-माने आलिम-ए-दीन मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी भी हज के सफर पर रवाना हुए, जिन्हें चौकाघाट स्थित हज हाउस से विदा करने सेंट्रल हज कमेटी के सदस्य डा. इफ्तिखार अहमद जावेद सहित पूर्वाचल हज सेवा समिति के अध्यक्ष हाजी रईस अहमद, उप्र हज सेवा समिति के अध्यक्ष हाजी वसीम अहमद आदि भी पहुंचे थे।

यह है अब तक का आंकड़ा

2340 - पूरे देश से बिना मेहरम हज पर रवाना होने वाली महिलाओं की संख्या

2011 - केरल से 99 - उत्तर प्रदेश से 37 -तमिलनाडु से 31 - महाराष्ट्र से 27 - मध्य प्रदेश से 26 - राजस्थान से 23 - कर्नाटक से 12 - दिल्ली से 05 - उत्तराखंड 04 - छत्तीसगढ़ 61 - अन्य प्रदेशों से

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