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संस्‍कृति संसद : काशी से सनातन धर्म संस्कृति के विरुद्ध कूट रचित अंतरराष्ट्रीय प्रचार पर पहला प्रहार

Sanskriti Sansad सनातन हिंदू धर्म-दर्शन व संस्कृति के खिलाफ चलाए जा रहे कुप्रचार व षड्यंत्रों पर रुद्राक्ष अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र के सभागार में संत-विद्वतजन प्रहार करेंगे। शिक्षा संस्कृति व कला विरासत पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jun 2022 08:00 PM (IST)
संस्‍कृति संसद : काशी से सनातन धर्म संस्कृति के विरुद्ध कूट रचित अंतरराष्ट्रीय प्रचार पर पहला प्रहार
रुद्राक्ष अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र के सभागार में संत-विद्वतजन संस्‍कृति संसद में मंथन करेंगे।

वाराणसी, इंटरनेट डेस्‍क। 'चर्चा संस्‍कृति की, चिंतन राष्‍ट्र का' थीम पर आधारित तीन दिवसीय आयोजन काशी से वैश्विक स्‍तर पर भारतीय संस्‍कृति और विरासत पर मंथन का मौका देगा।

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अखिल भारतीय संत समिति व श्रीकाशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में दैनिक जागरण व गंगा महासभा की ओर से शुक्रवार को तीन दिवसीय संस्कृति संसद शुरू होने जा रही है। 'संस्‍कृति की अविरल धारा मां गंगा' पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बतौर वक्‍ता मौजूद रहेंगे वहीं 'पूर्वोत्‍तर भारत की सांस्‍कृतिक चुनौतियां' विषय पर लद्दाख के सांसद जामयांग शेरिंग नामग्‍याल मुख्‍य वक्‍ता होंगे।

बीते कुछ दशक से सनातन हिंदू धर्म-दर्शन व संस्कृति के खिलाफ चलाए जा रहे कुप्रचार व षड्यंत्रों पर रुद्राक्ष अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र के सभागार में संत-विद्वतजन प्रहार करेंगे। शिक्षा, संस्कृति व कला विरासत पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।

उद्घाटन समारोह में जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती महाराज, जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजराजेश्वराचार्य महाराज, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र, गंगा महासभा के अध्यक्ष प्रेमस्वरूप पाठक, अखिल भारतीय संत समिति के मुख्य निदेशक महंत ज्ञानदेव सिंह व अध्यक्ष आचार्य अविचल दास, अध्यक्ष, राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली समेत कई विभूतियां होंगी तो विभिन्न सत्रों में देश-विदेश से संत व विद्वान जुट रहे हैं।

तीन दिवसीय आयोजन के दौरान गंगा महासभा की ओर से गंगामहासभा डॉट इन पर आनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। आयोजन में अब महज कुछ घंटे ही शेष हैं। आयोजन का मकसद विश्‍व में भारतीय संस्‍कृति और धर्म दर्शन के खिलाफ चल रहे वैश्विक दुष्‍प्रचार को भी उजागर किया गया जाएगा।

इस दौरान वक्‍ताओं की ओर से भारतीय संस्‍कृति को लेकर वैश्विक विचारों को भी रखा जाएगा और आयोजन के दौरान भविष्‍य की रूपरेखा खींची जाएगी। आयोजन में हिंदू हितों के संरक्षण और वैश्विक चुनौतियों आदि के विषयों को भी मंच से उठाने के साथ ही चुनौतियों के निराकरण का भी प्रयास आयोजन के माध्‍यम से किया जाएगा। गंगा महासभा की ओर से आयोजन को लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी प्रचार प्रचार किया जा रहा है। 


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