आजमगढ़ जिले में पराली जलाने वाले चार किसान चिह्नित, एफआइआर संग चिह्नित किसानों पर अर्थदंड
आदेशों के क्रम में जिन किसानों द्वारा फसल अवशेष को जलाया जा रहा है उन्हें चिह्नित कर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए दंड का प्राविधान किया गया है।
आजमगढ़, जेएनएन। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एजीटी) द्वारा पारित विभिन्न आदेशों के क्रम में जिन किसानों द्वारा फसल अवशेष को जलाया जा रहा है, उन्हें चिह्नित कर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए दंड का प्राविधान किया गया है। आदेश के अनुपालन और जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देश पर सोमवार को पराली जलाने वाले चार ऐसे किसान चिह्नित किए गए जिनके खिलाफ अर्थदंड की कार्रवाई की जा रही है। उधर, शासन द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट इमेज द्वारा मानीटरिंग की जा रही है। ऐेसे में कोई बच नहीं सकता है।
उप कृषि निदेशक डा. आरके मौर्य ने बताया कि तहसील निजामाबाद अंतर्गत विकास खंड तहबरपुर के गांव रायसेनपुर के किसान बल्ली यादव पुत्र धनु और रामप्रीत यादव पुत्र कन्हाई, चिरावल में सुरेश यादव पुत्र महादेव और सहनूपुर में श्यामधन यादव द्वारा धान की फसल कटाई के उपरांत अवशेषों का प्रबंधन न करते हुए पराली जलाई जा रही थी। एनजीटी के आदेश को गंभीरता से लेते हुए चिह्नित किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराते हुए अर्थदंड वसूली की कार्रवाई की जा रही है।
पराली जलाने पर जुुर्माना का निर्धारण
जिलाधिकारी ने बताया कि जिन किसानों द्वारा पराली जलाई जाएगी और क्षेत्रफल दो एकड़ से कम है। उन्हें प्रति घटना 2500 रुपये। जिन किसानों का क्षेत्रफल दो एकड़ से अधिक लेकिन पांच एकड़ तक है, उन्हें 5000 रुपये प्रति घटना और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल होने पर 15000 रुपये प्रति घटना की दर से क्षतिपूर्ति के लिए दंड का प्राविधान है। बताया कि फसल अवशेष जलाए जाने से न केवल धरती का तापमान बढ़ रहा है, बल्कि पर्यावरण दूषित होने के साथ पशुओं के चारे की कमी एवं लाभदायक सूक्ष्मजीवों के नष्ट हो जाने से मृदा उर्वरता भी प्रभावित हो रही है। फसल अवशेष जलाए जाने का दुष्परिणाम वायु प्रदूषण के रूप में परिलक्षित हो रहा है और कतिपय स्थानों पर अग्निकांड जैसी भयानक घटनाएं भी घटित होती हैं।
एक सप्ताह के अंदर क्षतिपूर्ति की वसूली
जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया है कि जिन किसानों द्वारा फसल अवशेष जलाया जाएगा, उन्हें चिह्नित कर एक सप्ताह के अंदर माननीय अधिकरण द्वारा पारित आदेश के क्रम में पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए अर्थदंड की धनराशि की वसूली की कार्रवाई की जाए।
कार्रवाई को संयुक्त टीम गठित
पराली जलाए जाने की घटना न हो, इसके लिए राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम गठित कर दी गई है। निर्देशित किया गया है कि क्षेत्र भ्रमण कर पराली न जलाने के बारे में किसानों को जागरूक करें। यदि कोई किसान पराली जलाता है तो राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में दंड की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
जब्त होगा कंबाइन हार्वेस्टर
बिना स्ट्रॉ-रीपर लगाए यदि कंबाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई की जाएगी तो उनके कंबाइन हार्वेस्टर को सीज करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।