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बीएचयू की दीवारों पर लिखे आपत्तिजनक स्लोगन के खिलाफ एफआइआर, सीसीटीवी कैमरे से जांच और लोगों से पूछताछ

काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर के लालबहादुर शास्त्री बिड़ला व श्रीमती मोना देवी छात्रावास के आसपास की दीवारों पर गुरुवार की सुबह आपत्तिजनक स्लोगन दिखने के बाद लोगों में रोष फैल गया। छात्रों ने जगह-जगह धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 28 Apr 2022 11:32 PM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2022 11:32 PM (IST)
बीएचयू की दीवारों पर लिखे आपत्तिजनक स्लोगन के खिलाफ एफआइआर, सीसीटीवी कैमरे से जांच और लोगों से पूछताछ
बीएचयू की दीवारों पर लिखे आपत्तिजनक स्लोगन के खिलाफ एफआइआर

जागरण संवाददाता, वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर के लालबहादुर शास्त्री, बिड़ला व श्रीमती मोना देवी छात्रावास के आसपास की दीवारों पर गुरुवार की सुबह आपत्तिजनक स्लोगन दिखने के बाद लोगों में रोष फैल गया। छात्रों ने जगह-जगह धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन और जिला प्रशासन ने परिसर में लिखे गए स्लोगंस को तत्काल हटवा दिया लेकिन छात्रों के प्रदर्शन और कार्रवाई की मांग को देखते हुए मुख्य सुरक्षाधिकारी की तहरीर पर अज्ञात असामाजिक तत्वों के विरुद्ध लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रभारी निरीक्षक लंका वेदप्रकाश राय ने बताया कि तहरीर के आधार पर संंबंधित धाराओं में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे से जांच और लोगों से पूछताछ की जा रही है।

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ब्राह्मणवाद के विरुद्ध नारेबाजी पर कर रहे प्रताड़ित

विभिन्न वामपंथी छात्र संगठनों ने गुरुवार की शाम काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लंका गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि 13 अप्रैल को भगत सिंह छात्र मोर्चा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ब्राह्मणवाद मुर्दाबाद क तख्ती और नारे लगाने पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।

नारे लगाने पर उन्हें मारने की धमकी दी जा रही है। इसकी लिखित शिकायत बीएचयू प्रशासन को दी गई है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसकी वजह से कई साथियों को अलग-अलग घटनाओं में मारा-पीटा गया है। पुलिस ने भी कोई वाद दर्ज नहीं किया। दिशा छात्र संगठन के अमित ने कहा कि यह दौर फासीवाद का दौर है। इसमें हम सबको एकजुट होने की जरूरत है। ऐपवा से कुसुम वर्मा ने ब्राह्मणवाद को समझाते हुए इसका मतलब गैर बराबरी बताया।

भगतसिंह छात्र मोर्चा के सचिव अनुपम ने पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैया पर सवाल खड़ा किया। कहा कि हमारी एफआइआर दर्ज नहीं की गई तो हम बड़े आंदोलन के लिए विवश होंगे। बीसीएम के पूर्व सचिव रितेश विद्यार्थी ने कहा की अगर पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर सकती तो हमें लिखित दे कि प्रशासन अक्षम है। इस देश का हर नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए सक्षम है। कार्यक्रम के अंत में पुलिस उपायुक्त के नाम एसीपी भेलूपुर को एक ज्ञापन दिया गया। संचालन आकांक्षा आजाद ने किया। प्रदर्शन में ऐपवा, बीसीएम, दिशा, एसएफआइ, पीएस-4 कम्युनिस्ट फ्रंट, सीजेपी, प्रलेस, आटो यूनियन, आल इंडिया सेक्युलर फोरम शामिल थे।


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