वाराणसी में सड़कों पर दौड़ रहे Finance Company के गुर्गे, चालक से करते हैं दुर्व्यवहार
आर्थिक मंदी की मार झेल रहे गाड़ी मालिकों पर फाइनेंस कंपनी के गुर्गे कहर बरसा रहे हैं। वाराणसी के यार्डों में 300 से अधिक छोटी-बड़ी गाडिय़ां खड़ी हैं। एक फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने परिवहन कार्यालय में हंगामा करने के साथ संभागीय निरीक्षक (आरआइ) को धमकी तक दे डाली।
वाराणसी [जेपी पांडेय ]। कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक मंदी की मार झेल रहे गाड़ी मालिकों पर फाइनेंस कंपनी के गुर्गे कहर बरसा रहे हैं। फाइनेंस कंपनी की तीन-चार किश्त जमा नहीं होने पर गुर्गे जबर्दस्ती गाड़ी खड़ी करा ले रहे हैं। मालिक और चालक के गाड़ी नहीं देने पर उनके साथ दुर्व्यवहार भी कर रहे हैं। इनके द्वारा खींची गई गाडिय़ां दबंगों के यार्ड में खड़ी हैं। वे छोटी गाड़ी से रोज 300-400 और बड़ी गाड़ी से 600-900 रुपये वसूल रहे हैं। वहीं, गाड़ी खींचने वाले लोगों को कंपनी 10 से 20 हजार रुपये देती है। बैंक का ब्याज अलग से गाड़ी मालिकों को देना पड़ रहा है। जनपद के यार्डों में 300 से अधिक छोटी-बड़ी गाडिय़ां खड़ी हैं। उन्हीं में से एक फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने बुधवार को परिवहन कार्यालय में हंगामा करने के साथ संभागीय निरीक्षक (आरआइ) को धमकी तक दे डाली।
ट्रक, डंपर, ट्रेलर, बस, जीप, मैजिक आदि गाडिय़ां ज्यादातर प्राइवेट बैंक फाइनेंस करती हैं। फाइनेंस कंपनियां बकाया किश्त जमा नहीं करने वाले मालिकों को नोटिस देने की बजाय उस गाड़ी की तलाश में जुट जाती हैं। कंपनी के गुर्गे मालिक के घर के साथ किस रूट पर गाड़ी चल रही है उसके बारे में जानकारी करने में जुट जाते हैं। सड़क पर गाड़ी दिखाई पड़ते ही कई की संख्या में लोग गाड़ी को घेर लेते हैं। उस गाड़ी को ले जाकर पास के दबंग व्यक्ति के यार्ड में खड़ी कर देते हैं जिससे गाड़ी मालिक चाहकर भी कुछ नहीं कर सके। यदि कोई गाड़ी मालिक वहां पहुंचता है कि दबंग किस्म के लोग उसे मारपीट कर भगा देते हैं।
पुलिस को नहीं देते हैं सूचना
नियम है कि यदि कोई फाइनेंस कंपनी गाड़ी खींचती है तो उससे पहले स्थानीय पुलिस को सूचना देनी चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं है। यदि होता है तो थाना प्रभारी को इसके एवज में प्रति गाड़ी रेट फिक्स होता है।
दबंग व्यक्ति बनाते हैं यार्ड
फाइनेंस कंपनी के गुर्गे क्षेत्र के दबंग व्यक्ति के यार्ड (बाउंड्री) में गाड़ी खड़ी करते हैं जिससे गाड़ी मालिक चाहकर भी उसे नहीं ले जा सके। इसके एवज में दबंग व्यक्ति फाइनेंस कंपनी से मोटी रकम लेता है।
लूट की देते हैं सूचना
अमूमन फाइनेंस कंपनी द्वारा गाड़ी खींचने पर मालिक और चालक पुलिस के कंट्रोल रूम या थाने पर लूट की सूचना देते हैं। बाद में मालूम चलता है कि फाइनेंस कंपनी ने गाड़ी खींची है। प्रभावशाली लोगों के चलते पुलिस भी हाथ डालने से कतराती है।
यहां बना रखें है यार्ड
रामनगर में दो, शिवपुर, मोहनसराया मोड, एयरपोर्ट के पास और जंसा में।
केस-एक
अगस्त में चंदौली के राम निहोर यादव की ट्रक को फाइनेंस कंपनी के गुंडों ने विश्व सुंदरीपुल के पास रोक लिया था। इस बीच गाड़ी मालिक कई लोगों के साथ मौके पर पहुंच गया और दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। सूचना होने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
केस-दो
बाबतपुर के राजेश पांडेय की मैजिक फाइनेंस कंपनी के गुर्गों ने कपसेठी रोड पर रोक लिया। चालक ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके लूट की सूचना दी। पहुंची पुलिस ने मैजिक खड़ी कराने वालों को पकड़कर स्थानीय थाने ले गई।
हाइवे पर मचाते हैं धमाचौकड़ी
फाइनेंस कंपनी के गुर्गे ज्यादातर हाइवे पर धमाचौकड़ी मचाते हैं। उन्हें गाड़ी का नंबर देकर तलाशने में लगा दिया जाता है। हाइवे पर हाई स्पीड वाली बाइक लेकर मंडराते रहते हैं। गाड़ी नंबर दिखाई पड़ते ही उसके पीछे लग जाते हैं। उसे जबर्दस्ती नजदीक के यार्ड में खड़ी करा देते हैं।