मौसम के बदलते तेवर से किसान चिंतित, एक बार फिर रबी सीजन पर मंडराया बारिश का साया
रबी सीजन में लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है। गुरुवार को मौसम के कई रूप दिखे। दिन में कई बार कभी कोहरा कभी बादल तो कभी खिली धूप का नजारा देखने को मिला।
मऊ, जेएनएन। रबी सीजन में लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है। गुरुवार को मौसम के कई रूप दिखे। दिन में कई बार कभी कोहरा, कभी बादल तो कभी खिली धूप का नजारा देखने को मिला। मकर संक्रांति को खिली धूप से मौसम में निखार की संभावना जताई जा रही थी कि अचानक दोपहर बाद एक बार फिर आसमान में बादलों ने डेरा जमा दिया। इससे बारिश की संभावना बलवती हो गई। दिन में कभी तेज धूप तो कभी बदली छाई रही। हालांकि दो दिनों की प्रखर धूप से गलन में काफी कमी आई और लोग राहत महसूस कर रहे थे मगर शाम ढलते ही गलन का प्रकोप एक बार फिर शुरू हो गया।
दूसरी ओर लगातार बदल रहे मौसम से दलहनी-तिलहनी फसलों पर कुप्रभाव पडऩे का खतरा मंडरा रहा है। अगर इसी तरह बदली कुछ दिन और छाई रही तो सरसों पर माहो कीट का खतरा बढ़ जाएगा। पिछले सप्ताह की बुधवार की रात जनपद में बारिश हुई थी। इस मघबदरिया से जहां लगभग 45 हजार हेक्टेयर खेतों में बोए गए पछेती गेहूं की हल्की सिंचाई हो गई थी तो जो किसान दूसरी ङ्क्षसचाई करने वाले थे, उन खेतों की भी हल्की ङ्क्षसचाई हो गई। इस बारिश से सरसों व मटर की फसल को जरूर नुकसान हुआ था। वहीं आलू की फसल भी प्रभावित हुई थी। आलू पर झुलसा का प्रकोप बढ़ गया है। हालांकि इस बारिश से चना, अरहर, जौ व मसूर आदि फसलों नुकसान तो नहीं हुआ था परंतु अब अगर बारिश हुई तो नुकसान होने की संभावना बढ़ जाएगी। ऐसे मौसम में कृषि निदेशक एसपी श्रीवास्तव ने किसानों को सचेत रहने की सलाह दी है।
हुई बारिश तो फिर बढ़ जाएगी ठंड
प्रदेश के अन्य जनपदों में दो दिन से बारिश हो रही है। गुरुवार की दोपहर से आसमान में बादलों के मंडराने के चलते बदली छा गई। देर शाम तक आसमान काले बादलों से पट गया। पुरुवा हवाएं भी चलने लगी। इससे बारिश होने की संभावना प्रबल हो गई। इधर दो-तीन दिनों से खिल रही धूप के बाद लोगों को ठंड से काफी राहत मिली थी। अंदाजा भी लगाया जा रहा था कि अब हालात सामान्य होंगे पर एक बार फिर मौसम ने करवट ली है।