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वाराणसी के बायो सीएनजी प्लांट से गैस ही नहीं किसानों को मिलेगा जैविक खाद, खेती की स्थिति सुधरेगी

शाहंशाहपुर में 23 करोड़ की लागत से बने बायोगैस सीएनजी प्लांट से सिर्फ गैस ही नहीं बल्कि किसानों को जैविक खाद भी मिलेगा। प्लांट के आसपास के 25 किलोमीटर तक के किसानों को आर्गेनिक खेती के प्रशिक्षण के साथ ही जैविक खेती के लिए खाद भी मिलेगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 07:03 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 07:03 PM (IST)
वाराणसी के बायो सीएनजी प्लांट से गैस ही नहीं किसानों को मिलेगा जैविक खाद, खेती की स्थिति सुधरेगी
बायोगैस सीएनजी प्लांट से सिर्फ गैस ही नहीं बल्कि किसानों को जैविक खाद भी मिलेगा।

वाराणसी, रवि पांडेय। शाहंशाहपुर में 23 करोड़ की लागत से बने बायोगैस सीएनजी प्लांट से सिर्फ गैस ही नहीं बल्कि किसानों को जैविक खाद भी मिलेगा। यह बातें वाराणसी के मेहदीगंज में सभा को संबोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही। प्लांट के आसपास के 25 किलोमीटर तक के किसानों को आर्गेनिक खेती के प्रशिक्षण के साथ ही जैविक खेती के लिए खाद भी मिलेगा। इसके अलावा यहां लिक्विड और सॉलिड जैविक खाद भी बनाया जायेगा।बायो गैस प्लांट से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रयोगशाला और पशुधन को बढ़ावा मिलेगा। गोबर से बनने वाले बायोगैस प्लांट से प्रतिदिन 2500 किग्रा सीएनजी का उत्पादन होगा  जो शहर के वाहनों में प्रयोग किया जाएगा।उद्घाटन के अवसर पर स्मार्ट सिटी और अदाणी ग्रुप की प्राइड कंपनी के अधिकारी उपस्थित रहे

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किसानों और गोपालकों को गोबर के भी मिलेंगे रुपये

गोबरधन वाराणसी फाउंडेशन की तरफ से बने इस प्लांट का फायदा आसपास के किसानों और गोपालकों को मिलेगा।यहां गोबर के लिए किसानों को एक रुपया प्रति किलो की दर से भुगतान भी शुरू हो चुका है।प्लांट पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि इस बायोगैस प्लांट में किसानों और गोपालकों के गोबर खरीदने से आवारा पशुओं की संख्या में भी कमी होगी।

किसानों को मिलेगा जैविक खेती के लिये प्रशिक्षण

स्मार्ट सिटी तथा अदाणी ग्रुप की तरफ से संचालित करने वाले अधिकारियों ने बताया कि बायोगैस प्लांट से किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ी पहल है।जैविक खेती के लिए गांव की परती जमीन में घास उगाकर गाय को चारे के लिए भी प्रयोग किया जाएगा।आसपास के किसानों को फल और सब्जी उत्पादन के लिए जैविक खाद से जमीन भी उपजाऊ बन जाएगी।

प्लांट में किचन वेस्ट मैटेरियल का भी होगा प्रयोग

इस प्लांट को मल्टीयूज सेंटर के रूप में डेवलप किया जाएगा।यहां बायोगैस प्लांट में सिर्फ गोबर ही नहीं बल्कि आसपास के गांव और शहरों के किचन से निकलने वाले प्राकृतिक वेस्ट मैटेरियल का भी यहां प्रयोग किया जाएगा जिसका लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।इसके अलावा गौशालाओं से आने वाले गोबर की आय से उनकी बेहतरी का काम किया जाएगा।


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