मीरजापुर में किसानों को उपज बेचने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, एक क्लिक पर मिलेगा क्रय केंद्र का विवरण
मीरजापुर में मोबाइल पर एक क्लिक करते ही सभी क्रय केंद्रों का विवरण सामने होगा। इसके लिए प्रदेश भर में किसानों से खरीद के लिए बनाए जाने वाले क्रय केंद्रों की जिओ टैगिंग होने जा रही है।
मीरजापुर, जेएनएन। उपज बेचने के लिए किसानों को अब दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। महज मोबाइल पर एक क्लिक करते ही सभी क्रय केंद्रों का विवरण सामने होगा। इसके लिए प्रदेश भर में किसानों से खरीद के लिए बनाए जाने वाले क्रय केंद्रों की जिओ टैगिंग होने जा रही है। इससे केंद्र के निर्धारण में विभागीय अधिकारी भी अब मनमानी नहीं कर सकेंगे। किसानों से उपज की खरीद में पारदर्शिता बरतने क्रय केंद्रों के साथ ही राइस मिलरों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए मिलों की भी जिओ टैगिंग होगी। नई क्रय नीति के तहत खाद्य आयुक्त मनीष चौहान द्वारा क्रय केंद्रों की जिओ टैगिंग कराने का निर्णय लिया है।
क्रय केंद्रों से आने वाली शिकायतों पर लगेगा अंकुश
प्रदेश भर में खरीद शुरू होते ही क्रय केंद्रों से शिकायतें आनी शुरू हो जाती है कि अमुक जगह क्रय केंद्र खुला ही नहीं है और कागजों पर ही खरीद हो गई। शासन द्वारा खरीद में पारदर्शिता के मद्देनजर क्रय केंद्रों के साथ ही राइस मिलों की भी जिओ टैगिंग कराने की व्यवस्था की जा रही है। बता दें कि रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य योजना के तहत मीरजापुर में खाद्य विभाग 11, पीसीएफ 32, नैफेड 13, एनसीसीएफ 11, भारतीय खाद्य निगम एक, कर्मचारी कल्याण निगम तीन और यूपी स्टेट एग्रो के चार क्रय केंद्र बनाए गए थे। इससे किसानों को काफी लाभ मिलेगा और शिकायतों पर भी अंकुश लगेगा।
राइस मिल की जिओ टैगिंग होने से आएगी पारदर्शिता
मीरजापुर जिला खाद्य व विपणन अधिकारी अजीत कुमार त्रिपाठी का कहना है कि क्रय केंद्रों की जिओ टैगिंग होने से किसानों को काफी लाभ होगा। उपज बेचने के लिए किसानों को खोजने के लिए परेशान नहीं पड़ेगा। अन्नदाता ऑनलाइन ही क्रय केंद्र की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेगा। वहीं राइस मिल की जिओ टैगिंग होने से अनाज डिलेवरी में पारदर्शिता व आसानी होगी।