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निर्यात के लिए गुणवत्तापूर्ण सब्जी उगाएं किसान, गाजीपुर कृषि विज्ञान केंद् में हुआ प्रशिक्षण

गाजीपुर कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज में मंगलवार को सब्जियों एवं फलों का गुणवत्तायुक्त उत्पादन निर्यात हेतु विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 06:23 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:23 PM (IST)
निर्यात के लिए गुणवत्तापूर्ण सब्जी उगाएं किसान, गाजीपुर कृषि विज्ञान केंद् में हुआ प्रशिक्षण
निर्यात के लिए गुणवत्तापूर्ण सब्जी उगाएं किसान, गाजीपुर कृषि विज्ञान केंद् में हुआ प्रशिक्षण

गाजीपुर, जेएनएन। कृषि विज्ञान केंद्र, पीजी कालेज में मंगलवार को 'सब्जियों एवं फलों का गुणवत्तायुक्त उत्पादन निर्यात हेतु' विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सामाजिक दूरी का पालन करते हुए आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान 'कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, एपीडा के सहायक महाप्रबंधक डा. सीबी सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि कृषि और प्रसंस्करण खाद्य उत्पाद विकास प्राधिकरण, एपीडा की स्थापना दिसंबर-1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत सरकार द्वारा की गयी। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे देश से फलों में आम, अखरोट, अंगूर, केला, अनार अधिक मात्रा में निर्यात किए जाते हैं जबकि सब्जियों की निर्यातित टोकरी में प्याज, भिंडी, करेला, हरी मिर्च, मशरूम और आलू का अधिक योगदान है।

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भारतीय फल और सब्जियां मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, नीदरलैंड, बांग्लादेश, मलेशिया, नेपाल, यूनाइटेड किंगडम, सउदी अरब और कतर को भी भेजी जाती है। यद्यपि विश्व बाजार में भारत का अंशदान लगभग एक प्रतिशत ही है फिर भी देश से बागवानी उपज की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है। देश में अद्यतन कोल्ड चेन आधारभूत सुविधाओं तथा आश्वस्तता तरीकों में समवर्ती विकास से यह संभव है। निजी क्षेत्र द्वारा वृहद निवेश किए जाने के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र ने भी अपनी भूमिका अदा की है और एपीडा की सहायता से देश में विभिन्न बिक्री कार्गो केंद्रों तथा समेकित कटाई उपरांत सुविधाओं का सृजन किया गया है। इस प्रयास से किसानों, संसाधकों और निर्यातकों के स्तर पर क्षमता विकास की भूमिका से भी काफी सहायता मिली है। इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी डा. शैलेन्द्र दूबे ने कहा कि किसान की सब्जियों एवं फलों के निर्यात किए जाने की पूरी व्यवस्था की गयी है। किसान अधिक जानकारी के लिए कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। उप कृषि निदेशक मृत्यंजय सिंह ने कहा कि किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से संपर्क कर कृषि संबंधी तकनीकी जानकारी प्राप्त कर आमदनी दोगुनी करने का प्रयास करें।

इस अवसर पर 50 किसानों ने सहभागिता की, जिन्होंने अपने औषधीय उत्पाद, आर्गेनिक सब्जियां व मधु भी मुख्य अतिथियों को भेंट किया। कार्यक्रम के अंत में केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट व प्रभारी डा. वीके सिंह ने सभी किसानों, अतिथियों को कार्यक्रम में सहभागिता पर धन्यवाद ज्ञापन दिया तथा किसानों का आह्वान किया कि गुणवत्तायुक्त एमआरएल व पीएचआई का ध्यान रखकर जैविक उत्पाद पैदा करें, ताकि उनको अपने उत्पाद को कई गुना दाम पर विदेशों में बिक्री कर सकें, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं एपीडा के सहायक महाप्रबंधक ने ली और कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से किसानों को एक्सपोजर विजिट पर भेजा जायेगा, जिसका खर्च एपीडा वहन करेगा। कार्यक्रम का संचालन ओमकार सिंह फसल सुरक्षा वैज्ञानिक ने किया। इस अवसर पर केंद्र के डा. धर्मेंद्र कुमार सिंह, कपिलदेव शर्मा, मनोज कुमार मिश्रा, डा. प्रमोद कुमार सिंह, आशुतोष सिंह, सुनील कुमार इत्यादि उपस्थित थे।


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