किसानों को खेती के लिए डीजल खरीदने पर मिले सब्सिडी, पूर्व सांसद ने पेट्रो कीमतों में वृद्धि पर सरकार को घेरा
चंदौली के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने कहा डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि कर सरकार ने किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है।
चंदौली, जेएनएन। पूर्व सांसद रामकिशुन यादव ने कहा, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि कर सरकार ने किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट के बावजूद टैक्स लगाकर उपभोक्ताओं से अधिक कीमत वसूली जा रही है। इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। सरकार किसानों को खेती के लिए डीजल खरीदने पर सब्सिडी दे। उन्होंने मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ने की मांग की। वे मंगलवार को पीडीडीयू नगर स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब थे। धान के कटोरे में खाद रैक प्वाइंट, मेडिकल कालेज का मुद्दा भी उठाया।
उन्होंने कहा, चंदौली को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां के किसानों की नर्सरी तैयार होने के कगार पर है। वहीं धान की रोपाई के लिए खेत की जुताई आदि में जुटे हैं। इसी बीच सरकार ने डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ा दी। इससे किसानों की कमर टूट गई है। किसानों को बेहतर लाभ दिलाने के लिए सरकार ठोस प्रयास करने की जरूरत है। बोले, वर्तमान में खेती ट्रैक्टर पर निर्भर है। ट्रैक्टर व पंपिंग सेट डीजल से ही संचालित होता है। डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ने की वजह से किसानों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। यही नहीं ट्रैक्टर पार्ट्स की खरीद पर भी 18 फीसदी जीएसटी वसूली जा रही है। इससे ट्रैक्टर पार्ट्स की कीमतें भी साल दर साल बढ़ती जा रही हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार का किसानों की आय बढ़ाने का दावा पूरी तरह हवा-हवाई है। किसानों के बेटे देश की सरहद की हिफाजत में शहीद हो रहे हैं। लेकिन सरकार किसानों पर आर्थिक बोझ लादने का काम कर रही है। सरकार मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ने का काम करे। इससे किसानों को मजदूरों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। साथ ही खाद रैक प्वाइंट, मेडिकल कालेज के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की कोशिश की।