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अगेती आलू की बोआई में जुटे किसान, महंगाई की मार का असर आलू के बीज पर भी पड़ा

जौनपुर जिले में किसान अगेती आलू की बोआई की तैयारी में जुट गए हैं। यहां आलू की खेती अच्छी होती है जिसके लिए किसान अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से बोआई शुरू कर देते हैं। हालांकि बारिश के चलते कुछ विलंब हो रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 09:22 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 09:22 PM (IST)
अगेती आलू की बोआई में जुटे किसान, महंगाई की मार का असर आलू के बीज पर भी पड़ा
जौनपुर जिले में किसान अगेती आलू की बोआई की तैयारी में जुट गए हैं।

जौनपुर, जागरण संवाददाता। बदलापुर क्षेत्र में किसान अगैती आलू की बोआई की तैयारी में जुट गए हैं। यहां आलू की खेती अच्छी होती है, जिसके लिए किसान अक्टूबर के प्रथम सप्ताह से बोआई शुरू कर देते हैं। हालांकि बारिश के चलते कुछ विलंब हो रहा है। इसके पूर्व जालंधर, आगरा, फर्रूखाबाद, शिकोहाबाद आदि स्थानों से 3797, पोखराज, एस-1 व हाइब्रिड आदि प्रजातियों के अच्छे बीज लाते हैं। इस बार महंगाई के चलते आलू का मूल्य आसमान छू रहा है।

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शाहपुर में दारा निषाद पहली खेप 3797 व हाइब्रिड गुरुवार को ले आये। उन्होंने कहा कि डीजल महंगा होने के चलते जोताई व सिंचाई भी महंगी हो गई है। क्षेत्र के शाहपुर निवासी देव नारायण यादव ने बताया कि उपरोक्त स्थानों पर आलू के बीज का मूल्य एक हजार से ग्यारह सौ रुपये प्रति क्विंटल प्राप्त हुआ है जो यहां तक पहुंचने पर 12 अथवा साढ़े बारह सौ रुपये पड़ रहा है। इसी तरह घनश्याम तिवारी, महेंद्र यादव, लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी आदि किसानों ने बताया कि महंगा खाद व बीज खरीद कर किसान हाड़तोड़ मेहनत करता है। तब भी उसे उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता है। बेसहारा पशु अलग से किसानों की परेशानी के कारण बने हैं। 

आलू का कम किया गया दायरा, सिर्फ आठ हजार हेक्टेयर में होगी खेती : मौसम साफ होते ही अगैती आलू की खेती की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। पिछले दो साल से अच्छा दाम मिलने के कारण किसानों का रुझान आलू की खेती के प्रति बढ़ा है। उद्यान विभाग ने जनपद के लिए 300 क्विंटल बीज का आवंटन किया है। निर्धारित अनुदान पर पहले आने वाले किसानों को किया जाएगा। एक ओर जहां किसानों का खेती के प्रति रुझान बढ़ रहा है दूसरी तरफ उद्यान विभाग ने 10500 हेक्टेयर आच्छादन लक्ष्य से घटाकर आठ हजार हेक्टेयर कर दिया है।

जनपद में आलू की खेती प्रमुख है। शरद ऋतु के दस्तक देते ही किसान अगैती आलू की खेती शुरू कर देते हैं। पहले फसल तैयार होने से जहां भाव अच्छा मिल जाता है वहीं खेत खाली कर अन्य खेती की जाती है। विगत कई साल से आलू का दाम अच्छा होने के कारण किसानों को को फायदा हो रहा है, जिससे उनका रूझान आलू की खेती के प्रति बढ़ा हुआ है। उद्यान विभाग द्वारा जनपद के लिए बीज का आवंटन भी कर दिया गया है। जनपद को 300 क्विंटल फाउंडेशन बीज दिया जाएगा। जिला उद्यान अधिकारी हरिशंकर राम ने बताया कि आधारीय कुफरी ख्याति 50 क्विंटल, कुफरी चिपसोना-3- सौ क्विंटल, कुफरी सूर्या-50 क्विंटल और कुफरी सिंदूरी का 100 क्विंटल बीज आवंटित किया गया है। किसानों को प्रथम आवक प्रथम आवक नियम से वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि इस साल आधारित प्रथम बीज 2080 रुपये क्विंटल दिया जाएगा।


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