गंगा की बैकरोल धारा के दबाव से फिर शुरु हुई कटान, पतित पावनी की लौटती धारा का रुख देख सहमे इलाकाई
मझौवां में गंगा का जलस्तर जैसे-जैसे पेटे में जा रहा है वैसे-वैसे गंगा की बैकरोल धारा के दबाव से कटान के नए क्षेत्र बनते जा रहे हैं।
बलिया, जेएनएन। मझौवां में गंगा का जलस्तर जैसे-जैसे पेटे में जा रहा है, वैसे-वैसे गंगा की बैकरोल धारा के दबाव से कटान के नए क्षेत्र बनते जा रहे हैं। पिछले तीन दिनों से ओझवलिया गांव के सामने आंछी बाबा मंदिर के पास कटान का क्रम लगातार जारी है। इससे लगभग तीन बीघा भूमि गंगा में विलीन हो चुकी है। वहीं राजपुर एकौना के सामने भी लगभग 50 बीघा भूमि बाढ़ व बैकरोल दबाव के कारण गंगा में समा चुकी है। उधर हांसनगर डेरा के पास भी कटान का सिलसिला जारी है।
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि एक तरफ गंगापुर से लेकर दुबेछपरा तक का पूरा इलाका कटान बाढ़ व कटान की जद में रहा है। इसकी वजह से इन क्षेत्रों के दर्जनों गांवों का अस्तित्व पहले ही लगभग समाप्त हो चुका है। वहीं सैकड़ों वर्ष पूर्व हुए कटान के बाद वंचित गांवों को नए सिरे से चपेट में लेने की तैयारी कर रही गंगा का रुख देख कर लोगों काफी भयभीत हैं। यदि शासन-प्रशासन कटानरोधी कार्यों की ओर ध्यान नहीं दिया गंगा की बैकरोल धारा कभी भी कहर बरपा सकती है और कई इलाकों को अपनी जद में लेकर तहस-नहस कर सकती है।