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वीजा नहीं बल्कि इस वजह से हो रही यहां फर्जी शादियां, शासन ने लिया संज्ञान तो दंपतियों में मचा हड़कंप

विदेशों में लोग वीजा पाने के लिए फर्जी शादियां करते हैं मगर उत्‍तर प्रदेश में फर्जी शादियां करने की अजीब वजह आने से सरकार हिल गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 08:13 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 08:33 AM (IST)
वीजा नहीं बल्कि इस वजह से हो रही यहां फर्जी शादियां, शासन ने लिया संज्ञान तो दंपतियों में मचा हड़कंप
वीजा नहीं बल्कि इस वजह से हो रही यहां फर्जी शादियां, शासन ने लिया संज्ञान तो दंपतियों में मचा हड़कंप

गाजीपुर [सर्वेश कुमार मिश्र]। विदेशों में लोग वीजा पाने के लिए फर्जी शादियां करते हैं मगर उत्‍तर प्रदेश में फर्जी शादियां करने की अजीब वजह आने से सरकार हिल गई है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े से शासन से लेकर जिला प्रशासन तक के होश फाख्ता है। जहां इसकी जांच के लिए जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है वहीं 15 दिन में रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है। उधर, जिले के प्रभारी मंत्री आनंदस्वरूप शुक्ला ने जागरण की खबर का संज्ञान लेते हुए जानकारी तलब की है। इससे उन अधिकारियों और कर्मियों के चेहरे की हवाइयां उड़ रहीं हैं जिनकी इसमें किसी न किसी रूप में संलिप्तता है तो वहीं बकायदा काम कर रहा गैंग भी सकते में है। 

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योजना के तहत बकायदा मनिहारी बीडीओ की निगरानी में पात्रों की सूची की पड़ताल कर समाज कल्याण विभाग को गया। वहां से सीडीओ और डीएम के अनुमोदन के बाद समाज कल्याण विभाग ने 16 हजार रुपये पर जोड़े के हिसाब से बीडीओ के खाते में डाल दिए। बाकी के 35 हजार रुपये हर जोड़े के हिसाब से शादी के बाद दुल्हन के खाते में डाले जाने थे। यह तो इत्तफाक है कि ब्लाक परिसर में गुरुवार को सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि योगेंद्र कुमार सिंह की नजर एक शादीशुदा जोड़े पर पड़ी तो भंडा फूटा। इसके बाद 57 फर्जी जोड़े भाग खड़े हुए। बावजूद इसमें लीपापोती करने की हर संभव कोशिश होती रही। हैरत की बात यह कि जिनकी शादी हुई उसमें भी कई फर्जी बताए गए हैं। एेसे में सवाल लाजिमी है कि सीएम की प्राथमिकता में शुमार इस योजना का यह हाल है तो औरों की स्थिति क्या होगी। 

बोले प्रभारी मंत्री : जागरण से इसकी जानकारी हुई तो स्तब्ध रह गया। इस मामले की पूरी जांच होगी। दोषी लोगों को कतई नहीं छोड़ा जाएगा। जरूरी हुआ तो इससे मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया जाएगा।-आनंदस्वरूप शुक्ला, प्रभारी मंत्री। 

बोले अधिकारी : निश्चित ही इस तरह के काम कर रहे गैंग में हमारे अधिकारियों की संलिप्तता है। इसकी जांच के लिए सीडीओ, कोषाधिकारी व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने का साफ निर्देश है। उसके बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी। -ओमप्रकाश आर्य, जिलाधिकारी।


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