लोग हो रहे ऑफ़िस से फरार, बायोमेट्रिक उपस्थिति के लिए नकली 'अंगूठा' यहां है तैयार
जालसाजों ने बायोमेट्रिक हाजिरी का तोड़ भी खोज निकाला, प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे चंदौली में रबर का नकली अंगूठा बनाने का कारोबार बड़ी तेजी से बढ रहा है।
चंदौली [विवेक दुबे] । जालसाजों ने अब कार्यालयों में बायोमेट्रिक हाजिरी का तोड़ भी ढूंढ निकाला है। जिला प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे नगर ही नहीं आसपास के जिले में भी रबर का नकली अंगूठा बनाने का कारोबार गति पकड़ चुका है। सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारी इस सुनहरे मौके को धड़ाधड़ हाथों हाथ लपक भी रहे हैं। इसका उपयोग लेट-लतीफी को राइट टाइम करने में कामचाेर कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। साथ ही आधार कार्ड से जुड़े कार्यों में भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। कीमत की बात करें तो बाजार में मात्र तीन से पांच सौ रुपये में आसानी से उपलब्ध है। कारोबारी स्वीकार कर रहे हैं कि लोग उनसे गुपचुप तरीके से संपर्क कर यह नकली अंगूठा बनवा ही नहीं रहे बल्कि लंबे समय से इसे प्रयोग भी कर रहे हैं।
कामचोरों के पिटारे में नकली अंगूठा
सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक हाजिरी व्यवस्था शुरू की गई तो कामचोर और लापरवाह कर्मचारी परेशान हो उठे थे। समय से कार्यालय पहुंचना और गुपचुप छुटटी मारना टेढ़ी खीर साबित होने लगा। हालांकि जालसाजों ने सरकार की इस अचूक व्यवस्था में भी अब सेंध लगा दी है। ठगों के पिटारे में फर्जी मोहर के साथ नकली अंगूठा भी शामिल हो चुका है। इसे बनाने का तरीका कुछ यूं है- जालसाज पहले संबंधित व्यक्ति के अंगूठे का निशान सादे कागज पर लेते हैं। स्कैनर के जरिए उसे स्कैन किया जाता है। फोटोशाप से निशान को साफ कर पाॅलिमर केमिकल मोहर मशीन की मदद से रबर के अंगूठे का हूबहू निशान तैयार किया जा रहा है। सरकारी और निजी कर्मचारी बायोमेट्रिक हाजिरी से बचने के लिए अपने अंगूठे का निशान बनवा रहे हैं। नगर के कई स्थानों पर धड़ल्ले से यह कार्य किया जा रहा है। ऐसा नहीं कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसे लोगों के विरुद्ध अभियान नहीं चलाया जाना सवाल जरूर खड़े कर रहा है।
आधार में भी हो रहा खेल
नकली अंगूठे का उपयोग आधार कार्ड में भी खूब किया जा रहा है। आधार कार्ड संशोधन, फर्जी सिम के लिए भी शातिर इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं आधार कार्ड के आपरेटर और सुपरवाइजर अपना नकली अंगूठा बनाकर एक ही साथ कई स्थानों पर कैंप भी लगा रहे हैं। दरअसल आधार कार्ड बनाने के लिए एजेंट व सुपर वाइजर के अंगूठे का निशान एनआइसी में रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। इसके बाद वह व्यक्ति इसके लिए अर्ह होता है। अब नकली अंगूठे की मदद से संचालक एक साथ कई फर्म चला रहे हैं और धड़ल्ले से कमाई कर रहे हैं।
जांच कराई जाएगी
मुगलसराय (पीडीडीयू नगर) के एसडीएम आनंद वर्धन ने बताया कि मामला सुरक्षा के लिहाज से भी काफी गंभीर ही नहीं संवेदनशील भी है। इसकी जांच अब कराई जाएगी, नकली अंगूठा बनाने वालों की धरपकड़ की जाएगी। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई तो होगी ही जो लोग अंगूठा बनवा रहे हैं उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी, इसके लिए आरोपियों को चिन्हित करने की तैयारी चल रही है।